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    -सीमा कुमारी

    फाल्गुन महीने की ‘प्रदोष व्रत'(Pradosh Vrat) 28 फरवरी दिन सोमवार को है। इस दिन देवों के देव महादेव का पूजन और व्रत किया जाता है। इस दिन शिवालयों में भक्तों का तांता लगा रहता है। महादेव के भक्त इस दिन विधि-विधान से पूजन कर उनकी आराधना में लीन हो जाते है। यह व्रत हर महीने के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। मान्यता है कि, प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) के दिन पवित्र मन से भोलेनाथ की आराधना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं और भोलेनाथ (Bholenath) की कृपा भक्तों पर सदैव बनी रहती है।

    सोमवार का दिन भगवान शिव (Lord Shiva) का होता है। ऐसे में सोमवार के दिन प्रदोष व्रत के पड़ने से इसका महत्व और अधिक बढ़ जाता है। आइए जानें  फाल्गुन माह के प्रदोष व्रत तिथि, पूजा मुहूर्त एवं महत्व  

    शुभ- मुहर्त

    पंचांग के अनुसार, इस साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 28 फरवरी दिन सोमवार को प्रात: 05 बजकर 42 मिनट पर हो रहा है। यह तिथि अगले दिन 01 मार्च को तड़के 03 बजकर 16 मिनट तक रहेगी। उसके बाद से चतुर्दशी तिथि शुरू हो जाएगी।

    उदयातिथि के आधार पर फाल्गुन माह का पहला प्रदोष व्रत 28 फरवरी को रखा जाएगा. इस दिन ही महादेव की पूजा शाम के समय में होगी । प्रदोष व्रत के दिन शाम में पूजा मुहूर्त होती है, लेकिन लोग दिन में भी पूजा करते है।

    28 फरवरी को प्रदोष व्रत की पूजा का मुहूर्त शाम 06 बजकर 20 मिनट से रात 08 बजकर 49 मिनट तक है। इस दिन आपको करीब ढाई घंटे का समय भगवान भोलेनाथ की पूजा के लिए मिलेगा ।

    फाल्गुन माह का पहला प्रदोष व्रत सर्वार्थ सिद्धि योग में है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग प्रात: 07 बजकर 02 मिनट से प्रारंभ हो जाएगा, जो अगले दिन 01 मार्च को प्रात: 05 बजकर 19 मिनट तक रहेगा, यह प्रदोष व्रत आपके कार्यों को सफल करेगा

    पूजा- विधि

    • सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें।
    • स्नान करने के बाद साफ- स्वच्छ वस्त्र पहन लें।
    • घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
    • अगर संभव है तो व्रत करें।
    • भगवान भोलेनाथ का गंगा जल से अभिषेक करें।
    • भगवान भोलेनाथ को पुष्प अर्पित करें।
    • इस दिन भोलेनाथ के साथ ही माता पार्वती और भगवान गणेश की पूजा भी करें। किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है।
    • भगवान शिव को भोग लगाएं। इस बात का ध्यान रखें भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।
    • भगवान शिव की आरती करें।
    • इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।