आज है श्रावण ‘अधिक मास’ की शिवरात्रि, कई विशेष योग में होगी भोलेनाथ की पूजा, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त

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सीमा कुमारी

नई दिल्ली: सावन माह की दूसरी शिवरात्रि इस बार आज यानी14 अगस्त, सोमवार को रखा जाएगा। अधिक मास (Adhik Maas Shivratri 2023 Date) का महीना भगवान विष्णु को समर्पित माना गया है, लेकिन इस बार सावन में अधिक मास लगने के कारण शिव भक्तों के लिए भी यह महीना बहुत खास हो जाता है। ऐसे में सभी भक्तों को इस महीने में लगने वाली शिवरात्रि का बड़ी ही बेसब्री से इंतजार है।

सावन अधिक मास की शिवरात्रि के दिन ‘सर्वार्थ सिद्धि’ समेत दो शुभ योग बनेंगे और उस दिन पुनर्वसु तथा पुष्य नक्षत्र होंगे। शिव भक्तों के लिए सावन की शिवरात्रि का विशेष महत्व होता है। इस साल अधिक मास के कारण सावन में दो शिवरात्रि हैं। आइए जानें सावन अधिक मास की शिवरात्रि कब है, शिव पूजा मुहूर्त क्या है। और, सावन अधिक मास की शिवरात्रि पर कौन से योग बनेंगे।

तिथि

पंचांग के अनुसार, सावन अधिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 14 अगस्त दिन सोमवार को सुबह 10 बजकर 25 मिनट से शुरू होगी और यह तिथि 15 अगस्त मंगलवार को दोपहर 12 बजकर 42 मिनट तक मान्य रहेगी। शिव पूजा मुहूर्त के आधार पर सावन अधिक मास की शिवरात्रि 14 अगस्त सोमवार को मनाई जाएगी। इस दिन सावन का सोमवार व्रत भी होगा।

पूजा मुहूर्त

14 अगस्त को सावन अधिक मास की शिवरात्रि के दिन शिव पूजा का मुहूर्त रात 12 बजकर 2 मिनट से देर रात 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगा। यह शिवरात्रि की निशिता पूजा मुहूर्त है। वैसे शिवरात्रि को सूर्योदय के साथ ही पूजा पाठ प्रारंभ हो जाता है।  

सावन अधिक मास की शिवरात्रि पर बनेंगे 2 शुभ योग

इस साल सावन अधिक मास की शिवरात्रि के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और सिद्धि योग बन रहे है। सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 11 बजकर 7 मिनट से प्रारंभ होगा, जो अगले दिन 15 अगस्त को सुबह 5 बजकर 50 मिनट तक रहेगा। सर्वार्थ सिद्धि योग में किए गए कार्य सफल होते हैं, ऐसी धार्मिक मान्यता है।

महिमा

चूंकि इस बार ‘अधिक मास’ सावन के बीच में पड़ा हैं। ऐसे में यह और भी खास हो जाता है। ऐसे में अधिक मास के दौरान पड़ने वाली शिवरात्रि का भी विशेष महत्व हो जाता है। मान्यतानुसार, भोलेनाथ ने समुद्र मंथन के वक्त विष का पान किया था। शिव जी ने विष का पान सावन के मास में किया था। जिसके बाद भोलेनाथ असहज हो गए थे, तभी समस्त देवी-देवताओं ने भोलेनाथ पर जल अर्पित किया था ताकि विष का असर कम हो जाए। जल डालने पर भोलेनाथ के शरीर से विष का असर खत्म हो गया था। ऐसा माना जाता है कि अगर अधिक मास में पड़ने वाली शिवरात्रि के दिन शिवजी पर जल अर्पित करें, तो आपके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। इसके साथ ही साथ आपके जीवन में सुख समृद्धि का आगमन होता है।