आज बुद्ध पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान का महत्व जानिए, ऐसे मिलेगी पितृदोष से मुक्ति

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सीमा कुमारी

नई दिल्ली: इस साल ‘बुद्ध पूर्णिमा’ (Buddha Purnima 2023) का पावन पर्व 5 मई शुक्रवार को देशभर में मनाया जाएगा। यह पावन पर्व हर साल वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, पूर्णिमा तिथि गंगा स्नान और दान के लिए विशेष मानी जाती है। लेकिन इसमें ‘बुद्ध पूर्णिमा'(Buddha Purnima) का अपना अलग ही महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन गंगा स्नान से सभी तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है। इसके अलावा पितृ दोष भी दूर हो जाते हैं।

काशी के विद्वान और ज्योतिषाचार्य स्वामी कन्हैया महाराज के मुताबिक, बुद्ध पूर्णिमा पर वाराणसी, प्रयागराज और हरिद्वार (Haridwar) में गंगा स्नान का बड़ा महत्व हैं। इस दिन इन तीनों धार्मिक शहरों में पूरे देश से लोग आते हैं और गंगा में डुबकी लगाते हैं। वाराणसी के तमाम घाटों पर इस दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिलती हैं। आइए जानें बुद्ध पूर्णिमा से जुड़ी उपाय के बारे में-

ज्योतिषाचार्य स्वामी कन्हैया महाराज के अनुसार, इस दिन जो शख्स गंगा स्नान के लिए हरिद्वार, वाराणसी और प्रयागराज या दूसरे धार्मिक शहर नहीं जा पाते वे अपने घर में भी नहाने के पानी में गंगाजल की कुछ बूंदे डालकर स्नान कर सकते हैं। ऐसा करने से भी उन्हें गंगा स्नान के बराबर ही पुण्य मिलता है।  हालांकि, घर पर स्नान के बाद लोगों को जरूरतमंदों को जरूर दान करना चाहिए।

कहते हैं, इस दिन सभी को गंगा में तीन बार डुबकी लगानी चाहिए। साथ ही गंगा के जल से भगवान सूर्य को जल अर्पण करना चाहिए। इसके अलावा इस दिन जरूरतमंदों को दान करना भी बहुत शुभ माना जाता है।