Chaitra Navratri 2024, goddess Skandmata
स्कंदमाता का करें पूजन (डिजाइन फोटो)

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Chaitra Navratri 2024

सीमा कुमारी

नवभारत लाइफस्टाइल डेस्क: आज यानी 13 अप्रैल को ‘चैत्र नवरात्रि’ (Chaitra Navratri 2024) का पांचवा दिन है। नवरात्रि हिंदुओं का बड़ा और पावन पर्व है। जो पूरे नौ दिनों तक चलता है। मां भगवती के ‘स्कंदमाता’ (Maa Skandmata) स्वरूप की पूजा अर्चना चैत्र नवरात्रि की पंचमी तिथि पर विशेष रूप से की जाती है। ज्योतिषियों के अनुसार, देवी के इस स्वरूप की आराधना से जहां श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है। वही, उसके मोक्ष का मार्ग भी सुलभ हो जाता है।

चार भुजाधारी है स्कंद माता

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, स्कंदमाता चार भुजाधारी हैं। ये अपने एक हाथ से पुत्र स्कंद यानी कार्तिकेय को गोद में लिए हुए हैं। वहीं माता की दो भुजाओं में कमल के पुष्प सुशोभित हैं और एक भुजा ऊपर उठी हुई है स्कंदमाता अपने भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करती हैं। मान्यता है कि नवरात्रि के पांचवे दिन देवी स्कंदमाता की विधिवत पूजा से धन, यश, शांति और बल प्राप्ति होती है। तो आइए जानें नवरात्र के पांचवें दिन कैसे करें स्कंदमाता की पूजा, साथ ही जानिए भोग और मंत्र।

ऐसे करें मां भगवती के स्कंदमाता स्वरूप की पूजा

नवरात्रि के पांचवे दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत होकर पीले रंग के वस्त्र धारण करें। इसके बाद पूजा के दौरान हाथ में लाल पुष्प लेकर देवी स्कंदमाता का आह्वान करें। मताा की पूजा में उन्हें अक्षत, बताशा, पान, सुपारी, लौंग धूप, लाल फूल आदि अर्पित करें। साथ ही आप मां स्कंदमाता को केले या केले से बनी चीजों जैसे केले के हलवे का भी भोग लगा सकते हैं। पूजा के अंत में माता की आरती करें और उनके मंत्रों का जाप करें।

इन मंत्रों का करें जाप

मां स्कंदमाता की गोद में युद्ध के देवता भगवान कार्तिकेय को दर्शाया गया है। यही कारण है कि भगवान कार्तिकेय को स्कंद देव के नाम से भी जाना जाता है। मा दुर्गा के इस ममतामयी रूप की आराधना करने से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है। ऐसे में आप नवरात्र के पांचवें दिन की पूजा में इन मंत्रों का जाप कर सकते हैं।

या देवी सर्वभूतेषू मां स्कंदमाता रूपेण संस्थिता ।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: ।।

आज इस माता स्कंदमाता का पूजन करने से सभी सौभाग्य आपको मिलते है और शुभ फल की प्राप्ति होती है।