‘पितृपक्ष’ में इन वृक्षों की पूजा से मिलती है पितरों की असीम कृपा, ज़रूर जानें

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    सीमा कुमारी

    नई दिल्ली: इस वर्ष  पितृपक्ष 10 सितंबर, शनिवार से आरंभ हो चुका है। शास्त्रों के अनुसार, पितृपक्ष में तर्पण और पिंडदान करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और वह अपने वंशजों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। इसके अलावा, यह भी बताया गया है कि कुछ विशेष पेड़-पौधों की पूजा करने से भी लोगों को बहुत लाभ मिलता है। आइए जानें किन-किन पेड़ों की पूजा से व्यक्ति को सबसे अधिक लाभ मिलता है।

    ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, पीपल के पेड़ की पूजा से व्यक्ति कई प्रकार के दोष से मुक्त हो जाता है। पितृदोष इनमें मुख्य है। इसलिए पितृपक्ष में पीपल खासकर पारस पीपल के पेड़ की पूजा करने से व्यक्ति को बहुत लाभ मिलता है। ‘पारस पीपल’ न केवल पितृदोष को दूर करने में कारगर में है, बल्कि इससे कई प्रकार की औषधीय लाभ भी मिलते हैं। जिस वजह से इसे घर के बगीजे में पारस पीपल का पौधा लगाने से स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याएं भी दूर हो जाएंगी।

    शास्त्रों में बरगद के पेड़ को भी बहुत गुणकारी पेड़ माना गया है। मान्यताओं के अनुसार इस पेड़ में भगवान शिव वास करते हैं जिस कारण से कई धार्मिक अनुष्ठानों में इसका होना अनिवार्य होता है। पितृ पक्ष में इस पेड़ की पूजा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और पितृ दोष से भी मुक्ति प्राप्त होती है। श्राद्ध पक्ष के दौरान जल में काला तिल मिलाकर बरगद के पेड़ में डालें और अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें। इस पेड़ के नीचे बैठकर भगवान शिव की पूजा करने से भी व्यक्ति को बहुत लाभ मिलता है।

    जानकारों के अनुसार, पारस पीपल के बारे में कहा जाता है कि ये तनाव को दूर करने में सक्षम  है। डिप्रेशन दूर करने में इसका प्रयोग औषधीय रूप में किया जाता है। इसकी लकड़ी को घिसकर मस्तक पर लगाने से आराम मिलता है। इसके प्रयोग से त्वचा कोमल और सुदंर बनती है। त्वचा संबंधी कई बीमारियों में पारस पीपल का प्रयोग किया जाता है। इसके साथ ही नशे की लत को छुड़ाने के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता है।