Vaishakh Kalashtami 2024, Kaal Bhairav, Lifestyle
कालाष्टमी व्रत 2024 (Social Media)

काल भैरव को समर्पित 'कालाष्टमी व्रत' (Kalashtami Vrat 2024) इस बार वैशाख महीने का पहला 'कालाष्टमी व्रत' (Kalashtami Vrat 2024) का व्रत 1 मई 2024 दिन बुधवार को रखा जाएगा।

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सीमा कुमारी

नवभारत लाइफस्टाइल डेस्क: देवों के देव महादेव के रुद्रावतार माने जाने वाले, काल भैरव को समर्पित ‘कालाष्टमी व्रत’ (Kalashtami Vrat 2024) इस बार वैशाख महीने का पहला ‘कालाष्टमी व्रत’ (Kalashtami Vrat 2024) का व्रत 1 मई 2024 दिन बुधवार को रखा जाएगा।

इस दिन किसकी होती है पूजा

इस दिन भगवान शिव के सबसे उग्र स्वरूप भगवान भैरव की पूजा होती है। कहते हैं कि कालाष्टमी के दिन काला भैरव बाबा की पूजा करने से जातकों के जीवन से सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं और मनचाही मनोकामनाओं की भी पूर्ति होती है। तो आइए जानें वैशाख महीने में किस कालाष्टमी का व्रत रखा जाएगा और पूजा के लिए क्या शुभ मुहूर्त रहेगा।

शुभ मुहूर्त

वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी 1 मई को सुबह 5 बजकर 45 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन यानी 2 मई को सुबह 4 बजकर 1 मिनट पर समाप्त होगी। साधक 1 मई को किसी समय काल भैरव देव की पूजा कर सकते हैं। मनोवांछित फल की प्राप्ति हेतु प्रदोष काल में करना श्रेष्ठकर साबित होगा।

ऐसे करें कालाष्टमी की पूजा

साधक सुबह उठकर पवित्र स्नान करें। इसके बाद व्रत का संकल्प लें। फिर अपने घर व मंदिर को अच्छी तरह से साफ करें। एक वेदी पर भगवान भैरव की प्रतिमा स्थापित करें। फिर पंचामृत से उनका अभिषेक करें। इसके बाद प्रतिमा साफ वस्त्र से पोंछे। इत्र लगाएं और फूलों की माला अर्पित करें।

चंदन का तिलक लगाएं। फल-मिठाई इत्यादि चीजों का भोग लगाएं। भगवान के समक्ष सरसों के तेल का दीपक जलाएं और काल भैरव अष्टक का पाठ भाव के साथ करें। आरती से अपनी पूजा समाप्त करें। अंत में पूजा में हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगे। व्रती अगले दिन प्रसाद से अपना व्रत खोलें। गरीबों को भोजन खिलाएं और वस्त्र बांटे।

कालाष्टमी व्रत की महिमा

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कालाष्टमी का व्रत रखने और काल भैरव बाबा की पूजा करने से अकाल मृत्यु का खतरा टल जाता है। इसके अलावा शनि और राहु के दुष्प्रभावों से भी छुटकारा मिलता है। काल भैरव को तंत्र-मंत्र का देवता माना गया है। ऐसे में कालाष्टमी के दिन काल भैरव की उपासना करने से हर तरह की सिद्धि की प्राप्ति होती है।

शुभ योग

वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण संध्याकाल 08 बजकर 02 मिनट तक हो रहा है। इसके बाद शुक्ल योग का निर्माण हो रहा है। साथ ही इस तिथि पर शिव वास का भी योग बन रहा है।