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    सीमा कुमारी

    नई दिल्ली: 18 अगस्त को ‘श्रीकृष्ण जन्माष्टमी’ (Krishna Janmashtami) का महापर्व पूरे देशभर में मनाया जाएगा। हिंदू धर्म में ‘श्रीकृष्ण जन्माष्टमी’ त्योहार का बड़ा महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान कृष्ण की पूजा के लिए कुछ विशेष उपाय करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है, और निसंतान दंपति को संतान की प्राप्ति हो सकती है। आइए जानें पंडित इंद्रमणि घनस्याल के अनुसार, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर शास्त्रों में बताए गए उन मंत्रों के बारे में जिनके जाप से हर काम सफल हो सकता है।

    ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, विवाह के बाद संतान प्राप्ति में अगर किसी तरह की परेशानी आ रही है तो पति-पत्नी को जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करते समय इस मंत्र का उच्चारण करना चाहिए। इससे आपकी संतान प्राप्ति की मनोकामना पूर्ण होती है।

    मंत्र

    देवकी सुत गोविंद वासुदेव जगत्पते, देहिमे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः

    क्लीं ग्लौं क्लीं श्यामलांगाय नमः

    यदि आपका कोई कार्य लंबित चल रहा है। या फिर आप करने में असफल हो रहे हैं, तो जन्माष्टमी पर इस मंत्र का आपको जाप करना चाहिए। श्रीकृष्ण की पूजन के समय इस मंत्र का जाप करना शुभ माना जाता है।

     ॐ श्रीं नम: श्रीकृष्णाय परिपूर्णतमाय स्वाहा

    यदि विवाह में देरी हो रही है, या फिर किसी तरह की रुकावट आ रही है तो इस मंत्र का जाप करना शुभ माना जाता है। इस मंत्र का 108 बार करना चाहिए, इससे भगवान श्रीकृष्ण से शीघ्र विवाह का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

    ओम् क्लीं कृष्णाय गोविंदाय गोपीजनवल्ल्भाय स्वाहा

    शास्त्रों के अनुसार, जन्माष्टमी की रात्रि तकिए के नीचे सात मोर पंख रखने से कालसर्प दोष से मुक्त हो सकते है। घर में मोर पंख रखने से सुख समृद्धि का वास होता है।