Maha Shivratri 2022
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सीमा कुमारी

नई दिल्ली: सावन का महीना आते ही आपने महिलाओं को हरी-हरी चूड़‍ियां पहनते अवश्य देखा होगा। इस पूरे महीने में लोग हरा कपड़ा ज्यादा पहनते है। दरअसल, इसका धार्मिक महत्व है। कहते हैं कि सावन के महीने में अगर भगवान शिव को प्रसन्न कर दिया जाए तो वह अपने भक्तों के सभी कष्ट दूर करते है। यह महीनों सुहागिनों के लिए किसी पर्व से कम नहीं होता। सुहागिन महिलाएं सावन के महीने में खुशहाल दांपत्य जीवन और संतान प्राप्ति की कामना से भोलेनाथ को जल अर्पित करती है। इसके अलावा, सावन में सुहागिनें हरे रंग चूड़ियां भी पहनती है। आइए जानें हरी चूड़ियों का महत्व-

सावन में हरी चूड़ियां क्यों पहनती हैं सुहागिनें?

सावन और हरे रंग का आपस में बहुत गहरा संबंध है। क्योंकि, सावन में हर तरफ बारिश होती है जिसकी वजह से चारों ओर हरियाली ही हरियाली नजर आती है।  भीषण गर्मी के बाद होने वाली इस बारिश और हरियाली को देखकर सबका मन उल्लास से भर जाता है। हरे रंग को प्रकृति का रंग माना गया है कहते हैं कि सावन में हरा रंग पहनना बहुत ही शुभ होता है।  

सावन के महीने में भगवान शिव का पूजन किया जाता है और इस दौरान सुहागिन महिलाएं हरे रंग की चूड़ियां पहनती है। सनातन धर्म में हरे रंग की चूड़ियों को सुहाग का प्रतीक माना गया है और कहते हैं कि सावन में हरी चूड़ियां पहनने से भगवान शिव और माता पार्वती प्रसन्न होकर अपने भक्तों को आशीर्वाद देते है।  

ऐसे में कई बार लोगों के मन में यह सवाल भी आता होगा कि आखिर भगवान शिव का हरे रंग से क्या संबंध है।  तो बता दें कि शास्त्रों के अनुसार भगवान शिव और प्रकृति के बीच भी गहरा संबंध है और भोलेनाथ को प्रकृति से जुड़ी वस्तुएं अति प्रिय है।   प्रकृति की गोद हिमालय में भोलेनाथ का वास है और उनकी पूजा में बेलपत्र व धतूरा चढ़ाया जाता है। जो कि हरे रंग का होता है। यहां तक कि भोलेनाथ को अर्पित की जाने वाली भांग भी हरी होती है। इसलिए सावन के महीने में हरे रंग का खास महत्व होता है और महिलाएं भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए हरे रंग की चूड़ियां पहनती है।

एक अन्य मान्यता के अनुसार हमारे धर्मग्रंथों में हरियाली का पूजन होता आया है। हिंदू धर्म में पेड़-पौधों की पूजा का विधान है। ऐसा करने से हम प्रकृत्ति के प्रति अपना आभार व्‍यक्‍त करते है। इस रंग को पहनने से प्रकृति का भी आशीर्वाद मिलता है।