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इंदौर (मध्यप्रदेश).  कोरोना (Corona) के प्रकोप के चलते यहां पिछले छह महीने से बंद धर्मस्थल महामारी से बचाव के उपायों के साथ मंगलवार सुबह से दोबारा खुल गए। इसके बाद प्रमुख मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गयी। अधिकारियों ने बताया कि जिलाधिकारी मनीष सिंह ने धर्मस्थलों को दोबारा खोलने के लिए सोमवार देर शाम इस शर्त के साथ मंजूरी दी कि श्रद्धालुओं और पुजारियों को महामारी से बचाव के दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा।

उन्होंने बताया कि मंदिरों के गर्भगृह में श्रद्धालुओं के प्रवेश की मनाही रहेगी। चश्मदीदों ने बताया कि प्रशासन की हरी झंडी के बाद शहर के खजराना गणेश मंदिर में मंगलवार सुबह नौ बजे से दर्शन प्रारंभ हुए और शारीरिक दूरी के नियम के पालन के साथ भक्तों को प्रवेश दिया गया। मंदिर के मुख्य पुजारी अशोक भट्ट ने “पीटीआई-भाषा” को बताया कि मास्क पहनकर आने वाले श्रद्धालुओं को ही धर्मस्थल में प्रवेश दिया जा रहा है। मंदिर में प्रवेश से पहले थर्मल स्कैनिंग के जरिये उनके शरीर का तापमान भी जांचा जा रहा है। भट्ट ने बताया कि कोविड-19 के प्रकोप के मद्देनजर श्रद्धालुओं के लिए खजराना गणेश मंदिर के पट हर रोज सुबह नौ बजे खुलेंगे और शाम सात बजे बंद हो जाएंगे।

उन्होंने बताया, “शाम की आरती खजराना गणेश मंदिर के पुजारी ही करेंगे। इसमें श्रद्धालुओं को शामिल नहीं किया जाएगा।” इस बीच, शहर के रणजीत हनुमान मंदिर में मंगलवार सुबह छह बजे से दर्शन प्रारंभ हुए। मंदिर प्रबंधन से जुड़े एक व्यक्ति ने बताया कि इस धर्मस्थल के मुख्य द्वार पर साबुन और सैनिटाइजर की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं को शारीरिक दूरी के साथ कतार में खड़ा रखने के लिए फर्श पर छह-छह फुट की दूरी पर गोले बनाए गए हैं।

अधिकारियों ने बताया कि प्रशासन के आदेश में यह भी कहा गया है कि धर्मस्थलों में चलने वाले भोजों में भी श्रद्धालुओं को एक-दूसरे से छह-छह फुट की दूरी बनाकर रखनी होगी। इंदौर, राज्य में कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित जिला है और प्रशासन ने धर्मस्थल दोबारा खोलने की अनुमति ऐसे वक्त दी है जब जिले में महामारी का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। आधिकारिक जानकारी के मुताबिक जिले में अब तक महामारी के 23,524 मरीज मिले हैं। इनमें से 558 मरीजों की मौत हो चुकी है।