मुंबई: पिछले दिनों मराठा आरक्षण (Maratha Reservation) को लेकर आए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले को लेकर महाराष्ट्र मंत्रिमंडल (Maharashtra Cabinet) की उप-समिति ने शनिवार को कोर्ट के फैसले पर चर्चा की है। बताया जा रहा है कि, बैठक में फैसला किया गया है कि, इस मामले को लेकर कमेटी पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और राष्ट्रपति को पत्र लिखकर उनके हस्तक्षेप की मांग करेगी।
इस बैठक में यह भी तय किया गया है कि, मराठा आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का विश्लेषण करने और 15 दिनों में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए एक समिति भी बनाई जाएगी।बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट की पांच न्यायाधीश की संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से फैसला सुनाया था जिसमें कहा गया था कि, मराठा समुदाय को आरक्षण देने वाला महाराष्ट्र का कानून 50 प्रतिशत सीमा का उल्लंघन करता है। इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने मराठा आरक्षण पर फैसला देते हुए स्पष्ट कर दिया था कि, आरक्षण के लिए 50 प्रतिशत की तय सीमा का उल्लंघन नहीं किया जा सकता है।
Maharashtra Cabinet Sub-Committee on Maratha reservation, at its meeting today, decided to write to PM & President seeking their intervention.
It also decided that a committee will be formed to analyse SC judgement on Maratha reservation & submit its report in 15 days.
— ANI (@ANI) May 8, 2021
मामले में सुनवाई करते हुए, सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने यह भी कहा था कि, मामले में इंदिरा साहनी केस पर आया फैसला सही है, इसलिए उसपर पुनर्विचार करने की जरूरत नहीं है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह साफ़ कर दिया कि मराठा समुदाय को शिक्षा और नौकरियों में 50 प्रतिशत की सीमा पार कर के आरक्षण नहीं दिया जा सकता है।
दरअसल सुप्रीम कोर्ट में बॉम्बे हाईकोर्ट के एक फैसले को चुनौती दी गई थी जिसमें महाराष्ट्र के शिक्षण संस्थानों और सरकारी नौकरियों में मराठाओं के लिए आरक्षण के फैसले को बरकरार रखा था। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने बीते 26 मार्च को याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था जिसके बाद इस हफ्ते कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया था।