- आरे के आंदोलनकारियों पर दर्ज मुकदमे वापस
- 600 एकड़ जमीन जंगल घोषित
मुंबई. मेट्रो कारशेड का निर्माण अब आरे कालोनी की बजाय कांजुरमार्ग परिसर में किया जाएगा. यह घोषणा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने की है.उन्होंने यह भी कहा कि कांजुर मार्ग में जमीन के लिए एक पैसा भी खर्च नहीं करना पड़ेगा.
CM Uddhav Balasaheb Thackeray addressing the State https://t.co/E8qhmRTulz
— CMO Maharashtra (@CMOMaharashtra) October 11, 2020
रविवार को जनता के साथ संवाद साधते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि आरे कारशेड का विरोध हम पहले से ही कर रहे थे और हमने उसी तरह भूमिका रखी थी. इसी वजह से आरे जंगल को बचाने के लिए आंदोलन करने वालों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने का निर्णय सरकार ने लिया है.
आरेमध्ये जी कारशेड होणार होती,ती कारशेड आता कांजूरमार्गला होणार आहे. मग किंमत किती? जमिनीची किंमत कोण देणार? झालेला खर्च वाया जाणार का? त्या बाबतीत मी सांगतो, कांजुरची सरकारी जमीन शून्य रुपये किमतीने मेट्रो कारशेडसाठी आपण दिली आहे आणि तिथे कारशेड उभारण्याचे आदेश मी काल दिले आहेत.
— CMO Maharashtra (@CMOMaharashtra) October 11, 2020
आरे कालोनी की 600 एकड़ जमीन को जंगल घोषित किया गया है. इसके साथ ही यह जंगल बढ़ कर 800 एकड़ हो गया है. आरे कालोनी में निर्माणाधीन कारशेड को कांजुर मार्ग ले जाने का निर्णय सरकार ने लिया है. जहां कारशेड बनाया जाना है वह जमीन सरकारी है. इसकी वजह से जमीन के लिए एक पैसे भी खर्च नहीं करने पड़ेंगे. जनता का पैसा फिजूल नहीं जाएगा. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इसके लिए उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे सहित मेट्रो कर्मचारियों के प्रति आभार भी ज्ञापित किया.
शिवसेना ने आरे कालोनी में मेट्रो कारशेड के निर्माण का विरोध किया था. जिसके लिए बड़ा आंदोलन किया गया था. तत्कालीन देवेंद्र फडणवीस सरकार की तरफ से रात के समय पेड़ों को काटे जाने का निर्णय लिए जाने से आंदोलन आक्रामक हो गया था. अनेक आंदोलनकारियों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. महाविकास आघाड़ी सरकार ने न केवल आरे कालोनी से कारशेड हटाने बल्कि आंदोलनकारियों के खिलाफ दर्ज मामलों को भी वापस लेने का निर्णय लिया है.