मुंबई. भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को सवाल किया कि उच्चतम न्यायालय द्वारा की गई टिप्पणियों के बावजूद आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में महाराष्ट्र की शिवसेना नीत महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार ने टीवी पत्रकार अर्नब गोस्वामी के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल करने में ”जल्दबाजी” क्यों दिखाई? पुलिस ने शुक्रवार को पड़ोसी जिले रायगढ़ स्थित अलीबाग में एक अदालत के समक्ष आरोपपत्र दाखिल किया था, जहां इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक और उनकी मां को कथित तौर पर आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज है।
Isn’t this a mockery of Hon Supreme Court’s judgement?
Are they again trying to suppress personal liberty?
It seems that MVA Government has not learnt any lesson from the 2 strongly worded judgements delivered on the very same day this govt completed 1 year!— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) December 5, 2020
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष फडणवीस ने ट्वीट कर सवाल किया, ” अर्नब गोस्वामी के मामले में माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा प्रथम दृष्टया की गई टिप्पणियों और जांच पर रोक के लिए गोस्वामी की ओर से उच्च न्यायालय में किए गए आवेदन के बावजूद एमवीए सरकार ने आरोपपत्र दाखिल करने में इतनी जल्दबाजी क्यों दिखाई?” उन्होंने कहा, ” क्या यह उच्चतम न्यायालय के फैसले का मजाक नहीं है? क्या वे दोबारा निजी स्वतंत्रता को कुचलने का प्रयास कर रहे हैं?” उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने गोस्वामी के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में पिछले महीने महाराष्ट्र सरकार से सवाल किए थे और कहा था कि अगर इस तरह किसी व्यक्ति की निजी स्वतंत्रता को प्रभावित किया जाता है तो यह न्याय का मजाक होगा।