- कामकाजी वर्ग में कोरोना की रफ्तार हुई धीमी
मुंबई. कोरोना से ग्रसित होने वाले आंकड़ों का विश्लेष्ण करने पर पता चला है कि महाराष्ट्र में 30 से 40 आयु वर्ग के लोग सबसे अधिक कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं. महाराष्ट्र एजुकेशन एंड ड्रग डिपार्टमेंट की रिपोर्ट पर नजर डाले तो 31 से 40 आयु वर्ग यानी की कामकाजी वर्ग कोरोना से सबसे अधिक प्रभावित है. रिपोर्ट के अनुसार, 30 सितंबर तक इस आयु वर्ग के 2,88,589 लोग, अक्टूबर में 3,53,040 लोग और नवंबर तक में 3,79,212 लोग कोरोना की जद में आ चुके हैं. अक्टूबर में 64,451 नए मामले सामने आए थे जबकि नवंबर में 20,172 ही लोग वायरस से संक्रमित पाए गए. अब तक महाराष्ट्र में 17.90 लाख लोग कोरोना से ग्रसित हो चुके हैं.
कोरोना मरीजों का उपचार कर रहे जसलोक अस्पताल के संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. ओम श्रीवास्तव ने कहा कि 30 से 40 आयु वर्ग कामकाजी वर्ग माना जाता है. घर चलाना हो तो इस आयु वर्ग को बाहर काम के लिए निकलना पड़ता है. इसके अलावा भी किसी कार्य के लिए अन्य लोगों को बाहर भेजने का रिस्क न लेते हुए उक्त आयु वर्ग के लोग बाहर जाते हैं. ऐसे में यातायात, भीड़ भाड़ से इनका सामना सबसे अधिक होता है. कुल मिलाकर यह वायरस को सबसे ज्यादा एक्सपोज़ होते है. इसलिए संक्रमण का सबसे अधिक खतरा भी इनमें बना होता है.
फ़िलहाल स्थिति नियंत्रण में
राहत भरी खबर यह है कि नवंबर में कोरोना से ग्रसित होने वालों की संख्या में सिर्फ 20,000 का इजाफा हुआ है, जबकि पूरे अक्टूबर में नए मामलों में 64,451 का इजाफा दर्ज किया गया था. देश के उत्तरी राज्य कोरोना की दूसरी लहर का सामना कर रहे हैं, लेकिन महाराष्ट्र के लिए अच्छी बात यह है कि अब तक कोरोना की दूसरी लहर नहीं आई है, लेकिन एक्सपर्ट्स ने भी दीवाली के 3 साप्ताह तक मामलों में वृद्धि होने की आशंका जताई है. फिलहाल राज्य में स्थित नियंत्रण में है.
सबसे तेज रिकवरी
कोविड टास्क फोर्स के सदस्य और लीलावती अस्पताल के डॉ. शशांक जोशी ने बताया कि चूंकि उक्त आयु वर्ग के लोग काम के लिए बाहर जाते इसलिए वे वायरस की जद में आते हैं, लेकिन अच्छी बात यह है कि उक्त आयु वर्ग के लगभग 90 प्रतिशत लोग तेजी से रिकवर भी हो जाते हैं. डॉ. जोशी ने बताया कि महाराष्ट्र में कोरोना का पहला वेव खत्म हो रही है. कोरोना की लो-टाइड चल रही है. इसके दो कारण है एक तो महाराष्ट्र में ठंड नहीं है और दूसरा प्रदूषण का स्तर भी दिल्ली की तुलना में न के बराबर है. जब यहां भी ठंड पड़ने लगेगी और प्रदूषण बढ़ेगा तब हमें सतर्क रहना पड़ेगा.
सावधानी जरूरी
स्टेट सर्विलांस ऑफिसर डॉ प्रदीप आवटे ने कहा कि बाहर निकलने वाले लोग यदि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हैं, मास्क ठीक से पहनते है, खुद को समय-समय पर सेनीटाइज करते है तो मामलों में और भी गिरावट देखने को मिल सकती है.
आयु वर्ग संक्रमित %
0-10 6361 3.55
11-20 120946 6.76
21-30 300003 16.76
31-40 379212 21.18
41-50 320611 17.19
51-60 287824 16.08
61-70 195130 10.90
71-80 93083 5.20
81-90 26262 1.47
91-100 3344 0.19
101- 110 14 0.00