मुंबई: अभिनेत्री कंगना रनौत (Kangna Ranaut) के कार्यालय में पिछले महीने नगरीय निकाय द्वारा ध्वस्तीकरण (Demolition) किये जाने के दौरान लोक सेवक के कार्य में व्यवधान डालने के आरोप में जिस पत्रकार (Journalist) पर मामला दर्ज किया गया था, उसे यहां स्थित एक सत्र अदालत ने अग्रिम जमानत (Anticipatory Bail) दे दी है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आर एम सदरानी ने रिपब्लिक टीवी (Republic TV) के पत्रकार प्रदीप भंडारी (Pradeep Bhandari) को अग्रिम जमानत (Anticipatory Bail) दे दी है। अभियोजन पक्ष का कहना है कि जहां ध्वस्तीकरण किया जा रहा था वहां आरोपी ने पैसे देकर 15-20 लोगों को जमा किया था। अभियोजक के अनुसार इन लोगों ने शोर मचाया और पुलिस कर्मियों को ड्यूटी करने से रोका। भंडारी ने अपनी याचिका में कहा कि इस मामले में उन पर धारा 353 लागू नहीं होती क्योंकि उन्होंने किसी लोक सेवक पर हमला नहीं किया।
अदालत ने अपने आदेश में इस बात का संज्ञान लिया कि अभियोजक ने भीड़ के विरुद्ध आरोप लगाया है। अदालत ने कहा, “प्राथमिकी में जो दर्ज है उससे यह उजागर नहीं होता कि किसी लोक सेवक को उसकी ड्यूटी करने से रोकने के लिए उस पर हमला किया गया।” अदालत ने यह भी कहा कि प्राथमिकी दर्ज करने के एक सप्ताह बाद उसमें धारा 353 जोड़ी गई।
अदालत ने कहा, “इसलिए यह स्पष्ट है कि जब प्राथमिकी दर्ज की गई तब लोक सेवक को यह पता नहीं था कि उसे सार्वजनिक दायित्व का निर्वहन करने से रोका गया।” भंडारी द्वारा भीड़ को पैसा दिए जाने के आरोप के संबंध में अदालत ने कहा, “जनता को नारे लगाने के लिए पैसा देना यहां अपराध नहीं है।”