अस्पताल के बेड की बजाय सड़क पर बुजुर्ग, केईएम अस्पताल के कर्मचारी की करतूत

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    सुरज पांडे

    मुंबई. मनपा के केईएम (KEM) के बार्ड बॉय की करतूत सुन देर रात लोगों का खून खौल उठा। अस्पताल (Hospital) में भर्ती एक बुजुर्ग को अस्पताल के बेड पर लेटाने के बजाय वार्डबॉय (Wardboy) ने मरीज को देर रात सड़क पर लाकर लेटा दिया। जब चश्मदीदों ने वार्डबॉय से पूछा तो उसने डॉक्टर के कहने पर ऐसा अमानवीय कृत्य करने की बात कही। 

    देशभर में प्रसिद्ध मनपा का केईएम अस्पताल व मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर व कर्मचारियों ने न जाने कितने मरीजों की सेवा कर उनकी जान बचाई है, लेकिन कुछ कर्मचारी ऐसे भी जिनकी करतूत पर मानवता शर्मसार हो गई है। चश्मदीद और मनविसे के वार्ड अध्यक्ष मनीष राउल ने बताया कि करीब 65 वर्षीय बुजुर्ग को अजय नामक वार्डबॉय ने रात करीब 1.30 बजे उस गेट से निकाला जहां से शवों को निकाला जाता है। यह गेट शाम के बाद से बंद रहता है, लेकिन बीमारी से ग्रसित बुजुर्ग को उस गेट से चोरी से निकाल कर फूटपाथ पर छोड़ा जा रहा था। जब हमारी नजर पड़ी और वार्डबॉय से पूछा तो पता चला कि बुजुर्ग 4-ए वार्ड में एडमिट था। डॉक्टर के कहने पर वार्डबॉय उसे फुटपाथ पर छोड़ने चला आया। जब लोगों की भीड़ इक्कठा हो गई और हल्ला होने लगा तो वार्डबॉय ने फिर से बुजुर्ग को स्ट्रेचर पर लिटाया और अस्पताल ले गया। 

    मामले की जांच हो

    मनसे शाखा अध्यक्ष के नीलेश इंडप ने कहा कि सुबह हम डीन से मिलने गए, लेकिन वे मौजूद नहीं थे। बीमारी के स्थिति में लोग अस्पताल जाते है, लेकिन अस्पताल ही असहाय मरीजों के साथ अमानवीय बर्ताव करे तो फिर क्या मतलब। इस मामले की जांच हो और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो हमारी यही मांग है। इस घटना के बारे में जब डीन डॉ. हेमंत देशमुख को कॉल किया गया तो उनके ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।

    बिल्ली ने खाई बॉडी, प्रिंस की जुलसने से मौत

    केईएम में लापरवाही का यह पहला मामला नहीं है। 28 नवंबर 2019 में बिल्ली ने अस्पताल के डिस्पोज़ रूम से एक भ्रूण को बगल के कर्मचारी के घर मे जाकर अपनी भूख मिटाते हुए पाया गया था। जून 2019 में दिल का इलाज कराने आए ढाई माह के मासूम प्रिंस की भी मौत झुलसने से हो गई थी।