राज्य के किसानों को अब रुला रहा प्याज, लागत भी निकालना मुश्किल

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  • दूध के साथ अब प्याज फेकेंगे सड़क पर

मुंबई. राज्य में दूध उत्पादक किसानों के बाद अब प्याज का उत्पादन करने वाले किसान आंदोलन की राह पर हैं. लॉकडाउन के पहले 80 से 100 रुपए किलो तक बिकने वाला प्याज अब किसानों को रुला रहा है.इस समय आलम ये है कि इसके खरीदार ही नहीं मिल रहे हैं. देश में सबसे ज्यादा प्याज उत्पादन करने वाले महाराष्ट्र की  मंडी में चारों तरफ प्याज के ढेर लगे हुए हैं. देश की सबसे बड़ी  लासलगांव प्याज मंडी में किसानों को औने-पौने दाम मिल रहे हैं. किसान संतोष नरवणे का कहना है कि जिन दामों पर वह अपना प्याज बेचते रहे हैं,आज उसके आधे दाम भी नहीं मिल रहे हैं. 

व्यवस्था न होने से प्याज सड़ रही है

एक किसान ने बताया कि हालात ऐसे हैं कि उन्हें प्याज के सही दाम तो दूर, मंडी में लाने-लेजाने तक की लागत नहीं मिल रही है. उन्होंने कहा कि अगर यही हालात रहे, तो उनके सामने भूखो मरने की नौबत आ जाएगी. नासिक की लासलगांव मंडी में प्याज 200 से 600 रुपये प्रति क्विंटल के भाव खरीदा जा रहा है. किसानों का कहना है कि एक क्विंटल प्याज उगाने में 1000 से 1200 रुपये तक की लागत आती है. केंद्र सरकार ने किसानों को उनकी फसल की लागत का दो गुना देने की घोषणा की है,जबकि यहां तो लागत ही नहीं निकल रही है.किसानों के पास भंडारण की उचित व्यवस्था न होने से प्याज सड़ रही है, ऐसे में उसे सड़क पर फेंकने के अलावा कोई रास्ता बचा नहीं है.

लॉकडाउन का असर

इस बार प्याज की बंपर पैदावार हुई है, लेकिन लॉकडाउन चलते प्याज की खपत नहीं हो पा रही है. प्याज की सबसे ज्यादा मांग होटल, ढाबे, रेस्टोरेंट या फिर शादी-ब्याह में होती है, लेकिन कोरोना के चलते लगे लॉकडाउन में सभी कुछ बंद पड़ा हुआ है.केवल घरेलू स्तर पर प्याज की खपत हो रही है,इसका फायदा व्यापारी उठा रहे हैं.वैसे वाशी की थोक मंडी में प्याज न्यूनतम 3 रुपए से लेकर अधिकतम 11 रुपए प्रति किलो बिक रही है.रिटेलर आम उपभोक्ता को 20 रुपए किलो बेच रहे हैं.वायरस के संक्रमण के डर से भी लोग बाजार से ज्यादा मात्रा में सब्जी खरीदने से बच रहे हैं. 

किसानों की आंख में पानी

मंडियों से प्याज का उठान नहीं होने से राज्य के किसानों की आंखों में पानी आ रहा है.किसान प्याज की एमएसपी तय करने की मांग कर रहे हैं.मुंबई में प्याज 20 रुपए प्रति किलो के भाव पर बिक रहा है,लेकिन इसी प्याज का दाम बिचौलियों की वजह से किसानों को मात्रा 3 रुपये प्रति किलो  मिल रहा है.महाराष्ट्र और तेलंगाना के प्याज किसानों की हालत सबसे खराब है.लॉकडाउन के दौरान महाराष्ट्र से कुछ प्याज बांग्लादेश निर्यात भी की गई. प्याज किसानों और इसकी कीमतों को स्थिर रखने के लिए सरकार से रणनीति बनाने की मांग भी किसान संगठन करते रहे हैं.