devendra
File Pic

    Loading

    मुंबई. पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Former Chief Minister Devendra Fadnavis) ने कहा है कि मुंबई (Mumbai) में कोरोना (Corona) से मरने वालों की संख्या छुपाने के लिए जांच के मामलों में समझौता कर कोरोना के मामले कम दिखाना गलत है। इससे संकट की सही स्थिति का आंकलन नहीं हो सकेगा। जिससे कोरोना के खिलाफ लड़ाई में दिक्कत होगी। इस पर तुरंत रोक लगाने की जरुरत है। फडणवीस ने इस संदर्भ में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Chief Minister Uddhav Thackeray) को पत्र (Letter) लिखा है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में  देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि कोरोना के संदर्भ में पंजीकरण को लेकर विश्व स्तर के विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं भारत के संदर्भ में आईसीएमआर ने निश्चित नियमावली तैयार की है। इस नियमावली के आधार पर कोरोना से होने वाली प्रत्येक मौत का पंजीयन जरूरी है। केवल अपवाद स्वरूप दुर्घटना,  आत्महत्या, हत्या या  ब्रेनडेड मरीजों, चौथे स्टेज के कैंसर से मरने वालों को अलग लिखा  जाता है। 

    मुंबई में मृत्यूदर अथवा सीएफआर कम दिखाने के लिए कितना भयंकर खेल किया जा रहा है यह स्पष्ट रूप से दिख रहा है। उन्होंने कहा है कि उर्वरित महाराष्ट्र में जहां अन्य कारणों से होने वाली मौत का पंजीकरण दर 0.7 है, वहीं मुंबई में कोरोना की दूसरी लहर के बावजूद मृत्यु का प्रमाण 39.4 प्रतिशत है। पहले लहर में भी यह प्रमाण उर्वरित महाराष्ट्र में 0.8 प्रतिशत एवं मुंबई में 12 प्रतिशत था। मार्च 2020 से 30 अप्रैल 2021 की कालावधि में मुंबई में 1593 मौत अन्य कारणों से दर्ज की गयी है।  जो कुल मृत्यु का 12 प्रतिशत है। दूसरी लहर में 1 फरवरी 2021 से 30 अप्रैल 2021 तक की कालावधि में 1773 में से 683 मृत्यु अन्य कारणों से दर्ज किया गया है। जो 39.4 प्रतिशत है।

    कम जांच की वजह से संक्रमण तो बढ़ता ही है मृत्यु दर भी बढ़ता है

    देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि कोरोना के दूसरी लहर में मुंबई में संक्रमण कम हो यह दिखाने के लिए मुंबई मनपा की तरफ से जांच करने का प्रयास किया जा रहा है। मुंबई जैसे शहर में आरटीपीसीआर जांच क्षमता कम से कम 1 लाख है। लेकिन यहां पर औसतन 34,191 जांच प्रतिदिन किया जा रहा है। इसमें से 30 प्रतिशत रेपिड एंटीजन जांच है।   देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि कम जांच की वजह से संक्रमण तो बढ़ता ही है मृत्यु दर भी बढ़ता है। इस तरह का फर्जी आंकड़ा तैयार करने से सही स्थिति जनता के समक्ष नहीं आ सकता है। अन्य कारणों से मौत दिखाने पर कोविड प्रोटोकॉल के मुताबिक अंतिम संस्कार नहीं होता है। जिससे तमाम लोगों को इस संकट का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा है कि इस पर तुरंत रोक लगाने की जरुरत है।