– नेताओं की जिंदगी में भी अहम बदलाव
मुंबई. मुंबई में कोरोना वायरस का संक्रमण काफी हद तक कंट्रोल है. इस पर काबू करने के लिए महाराष्ट्र विकास आघाड़ी की सरकार पूरी मुस्तैदी से काम कर रही है. यह बात कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री नसीम खान ने नवभारत मंच पर कही. कोरोना संकट और मुंबई की मौजूदा स्थिति को लेकर हमारे प्रतिनिधि ने नसीम खान से बात की है. पेश है बातचीत के प्रमुख अंश.
मुंबई में कोरोना की स्थिति का आंकलन आप किस तरह से करते हैं. विपक्ष का कहना है कि स्थिति आउट ऑफ कंट्रोल हो रही है ?
मैं इस बात से सहमत नहीं हूं कि मुंबई में कोरोना की स्थिति आउट ऑफ कंट्रोल हो गई है. महाराष्ट्र विकास आघाड़ी सरकार कोरोना से निपटने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रही है. इन प्रयासों के अच्छे परिणाम भी सामने आ रहे हैं. मेरा मानना है कि आने वाले दिनों में हम कोरोना के मामलों को कम करने में काफी हद तक सफल रहेंगे.
क्या आप को लगता है कि मुंबई को अनलॉक किए जाने से कोरोना के मामलों में इजाफा हो रहा है?
मैं ऐसा नहीं मानता हूं कि अनलॉक करने से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं. अब कोरोना की जांच में काफी इजाफा हुआ है. इस वजह से भी मरीज बढ़ रहे हैं. मेरा मानना है कि अनलॉक से जिंदगी की फिर से नई शुरुआत हो रही है. कई लोग घरों में रहने से तनाव के शिकार हो रहे हैं. अब अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने से उनमें नई उम्मीद जगी है.
चांदीवली में कोरोना को काफी हद तक काबू कर लिया गया है. आपने यहां किस पैटर्न में काम किया?
मुंबई में कोरोना संक्रमण शुरू होते ही मैंने एक 20 लोगों की टीम बना दी थी. इस टीम ने पब्लिक टॉयलेट के अलावा कई सोसायटी और सार्वजनिक जगहों पर सेनिटाइजेशन का काम शुरू कर दिया था. इसके अलावा बैनर व बोर्ड के अलावा पब्लिक संदेश के जरिए हमने लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक करना शुरू कर दिया था. इसके सकारात्मक नतीजे सामने आए और चांदीवली में कोरोना पूरी तरह से कंट्रोल में है.
कोरोना की वजह से नेताओं की जिंदगी में कितना बड़ा बदलाव आया है?
कोरोना ने नेताओं की जिंदगी को काफी हद तक बदल दिया है.पहले हम हर मौके पर जनता के साथ होते थे,लेकिन अब सोशल डिस्टेंस के नियमों के पालन की वजह इसमें मुश्किलें आ रही हैंं. इसके बावजूद मैं सुरक्षा के साथ लोगों से मिल रहा हूं , वहीं अपने ऑफिस स्टाफ और ऑनलाइन माध्यम से लोगों की मदद कर रहा हूं .
नवभारत के पाठकों के लिए आपका क्या संदेश है?
मैं नवभारत के पाठकों को यही संदेश दूंगा कि लॉकडाउन में वे सोशल डिस्टेंस के नियमों का सही से पालन करें. वे कोरोना की जंग को जीतने में सरकार का सहयोग करें. मैं नवभारत की लांचिंग से इसका नियमित पाठक रहा हूं. इस समाचार पत्र की खासियत यह है कि इसमें राजनीति , समाज , उद्योग और जनता से जुड़े सवालों को सटीक ढ़ंग से उठाया जाता है. लॉकडाउन जैसे संकट में ‘ नवभारत’ लोगों के बीच सही और प्रामाणिक ख़बरों का एक बड़ा जरिया बन कर सामने आया है.