मुंबई के 2 बच्चों ने जीते MIT हैकथोन अवार्ड

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  • दुनिया भर के 300 एप्स के बीच विजेता

मुंबई. टेक्नोलॉजी की इस दुनिया में छोटे-छोटे बच्चे भी टेक्नो क्रिएटर बन रहे हैं. 5वीं कक्षा में पढ़ने वाले ऐसे ही 2 विलक्षण बच्चों ने क्लाइमेट चेंज के गंभीर विषय पर बेहतरीन एप बनाकर ग्लोबल एमआईटी एप इन्वेंटर हैकथोन 2020 में दो पुरस्कार हासिल किए हैं. मालाड़ स्थित बिलबोंग हाई इंटरनेशनल स्कूल के 10 वर्षीय छात्र आयुश संकरन और पवई स्थित बॉम्बे स्कॉटिश के 9 वर्षीय छात्र जशिथ नारंग के एप ‘क्लाइमेट कैटैस्ट्रोफ-अर्थ इन डर्थ’ को दुनिया भर के 300 से अधिक एप्स के बीच पीपल्स च्वाइस कैटेगरी में प्रथम पुरस्कार और जजेज अवार्ड कैटेगरी में चतुर्थ पुरस्कार हासिल हुआ है.

प्रतिष्ठित एमआईटी हैकथोन इवेंट में अंडर-18 यूथ कैटेगरी में आयुश और जशिथ ने जलवायु परिवर्तन के ज्वलंत विषय का चयन किया और ऐसा एप विकसित किया, जो सभी को पंसद आया. इस उपलब्धि पर दोनों छात्र अत्याधिक खुश हैं. उनका कहना है कि जब हमने इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया तो हमें कभी भी जीत की उम्मीद नहीं थी. हमने सिर्फ प्रोजेक्ट पर काम किया क्योंकि इसे बनाते समय हमें आनंद आया, लेकिन आश्चर्य की बात है कि हमारा एप लोगों की पसंद की श्रेणी में सबसे ऊपर रहा और जजों की श्रेणी में चौथे स्थान पर आया. यह हमारे लिए सुखद आश्चर्य था और अधिक कोडिंग करने के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है.

लॉकडाउन में आयुष ने जीते 3 अवार्ड

बिलबोंग हाई इंटरनेशनल की प्रिंसिपल मधु सिंह ने इन होनहार बच्चों की इस महान उपलब्धि पर खुशी जताते हुए कहा कि हमें इन पर बहुत गर्व है. आयुष ने इस लॉकडाउन में अलग-अलग एप विकसित करने के लिए 3 अलग-अलग पुरस्कार जीते हैं. आयुष ने साबित कर दिया है कि संकट के समय को भी अवसरों में बदला जा सकता है और नए आविष्कार करना असंभव नहीं है. बिलबोंग हमेशा उन छात्रों का उत्साहवर्धन और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है, जो अपने जुनून को आगे बढ़ाने की इच्छा रखते हैं. आयुष की कोडिंग में ग्रेड 2 से ही रूचि विकसित हो गई थी, जब स्कूल ने उसे स्क्रैच जूनियर से मिलवाया था.