Gas Leak in Mumbai Hospital : Gas leak in Mumbai's Kasturba Hospital, patients shifted to another building

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    मुंबई. मनपा के कस्तूरबा अस्पताल (Kasturba Hospital) में जल्द ही कोरोना वायरस (Coronavirus) पर रिसर्च (Research) शुरू हो जाएगा। अस्पताल में वायरस की जीनोम सिक्वेंसिंग शुरू होने वाली है। जीनोम सिक्वेंसिंग की मदद से मुंबई (Mumbai) में वायरस के बदलते रूप और उससे निपटने के लिए स्ट्रैटेजी बनाने में मदद मिलेगी। कोरोना वायरस निरंतर अपना रूप बदल रहा है। वायरस के नए स्ट्रेन (New Strains)बहुत तेजी से फैल रहे हैं। ऐसे में समय-समय पर सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग की मदद से रूप बदलते वायरस का पता लगाया जा सकता है। वायरस कितनी तेजी से फैल रहा है? कितना घातक हो सकता है? और वायरस को निष्क्रिय करने के लिए आगे की रणनीति तैयार करने में मदद मिलेगी। 

    फिलहाल जिनो सिक्वेंसिंग के लिए मुंबई से हर सप्ताह सैंपल पुणे के नेशनल वायरोलॉजी ऑफ इंस्टीट्यूट (एनआईवी) भेजा जाता है। बता दें कि कुछ ही महीनों पहले मुंबई से एनआईवी भेजे गए सैंपल में से 22 में वायरस काडबल म्युटेंट पाया गया था। एक सैंपल के जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए करीब 7 हजार से 12 हजार रुपए तक लग जाते हैं। सोमावर को तकनीक की खरीदी और उससे जुड़े अन्य मुद्दों पर बैठक होगी।

    तकनीकी खरीदेगी मनपा

    जीनोम टेस्टिंग के लिए आवश्यक नैनोपोर सिक्वेंसिंग तकनीक मनपा खरीदेगी। यह तकनीक ज्यादा महंगी नहीं है और एक साथ कई सैंपल की सिक्वेंसिंग करने पर सस्ता भी पड़ेगा।

    क्या है जीनोम सिक्वेंसिंग ?

    जीनोम सीक्वेंसिंग एक तरह से किसी वायरस के बारे में पता करना होता है। वायरस किस तरह का है, किस तरह का वह दिखता है, इन सभी चीजों की जानकारी हमें जीनोम के जरिए मिलती है। 

    मुंबई से पुणे सैंपल भेजना और उसकी रिपोर्ट आने में समय भी जाता है। जल्द हम खुद जीनोम सिक्वेंसिंग का कार्य शुरू करेंगे। हम उन क्लस्टर से भी सैंपल लेंगे जहां से ज्यादा मामले आ रहे हैं। इस हमें पता चलेगा कि कहीं कोई नया वायरस का वैरिएंट तो नहीं है। इससे वायरस के बदतले रूप पर नजर रख सकते हैं और आगे की स्ट्रैटेजी बना सकते हैं।

    -सुरेश काकानी, अतिरिक्त मनपा आयुक्त