रिक्शा चालकों को मिले हर माह 10 हजार

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  • परिवहन मंत्री को ज्ञापन देकर की गई मांग

मुंबई. वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से पिछले 3 माह से लॉकडाउन है. राज्य सरकार चरणबद्ध तरीके से लॉकडाउन में सहूलियत दे रही है, लेकिन अभी तक शहर में ऑटो रिक्शा चलाने की अनुमति नहीं दी गयी है. जिसकी वजह से रिक्शा चालकों के समक्ष गंभीर परिस्थिति उत्पन्न हो गई है.कोरोना काल के दौरान ऑटो रिक्शा चालकों को हर माह 10 हजार रुपये की आर्थिक सहायता की मांग राज्य सरकार से की गयी है. 

 शिवसेना विधायक दिलीप लांडे के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल ने शनिवार को परिवहन मंत्री एड. अनिल परब से उनके निवास पर मुलाकात की और उन्हें ज्ञापन दिया. विधायक लांडे ने कहा कि ऑटो रिक्शा चालक हर रोज जो कमाते हैं उसी से उनके परिवार का पेट भरता है.

रिक्शा चालकों की आमदनी पूरी तरह बंद 

 लगभग 4 लाख  रिक्शा चालकों की आमदनी पूरी तरह बंद है.परिवार के समक्ष भुखमरी की समस्या खड़ी हो गई है. ऊपर से ऑटो रिक्शा की किश्त भी बैंकों को भरनी पड़ रही है.शैक्षणिक सत्र शुरु हो रहा है ऐसे में बच्चों के लिए किताब कापी ख़रीदनी है. शिष्टमंडल में विधायक लांडे के अलावा रिक्शा युनियन के अध्यक्ष राजेंद्र देसाई, नितीन गोखले, शैलेश निंबालकर, बाबू गजरे, रवींद्र सालुंखे, रमेश वीरकर, राजू पेडणेकर शामिल थे.