नेस्को अस्पताल में करोड़ों का घोटाला

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  •  कार्रवाई को लेकर बीजेपी अड़ी
  • अधिक दाम पर खरीदे गए सामान

मुंबई. गोरेगांव के नेस्को में बनाए गए कोविड केयर सेंटर में उपकरणों पर खर्च की गई रकम में हुए करप्शन को लेकर घोटालेबाजों पर कार्रवाई को लेकर बीजेपी अड़ गई है. बीजेपी नेता नेस्को में हुए घोटाले पर लगातार बीएमसी और राज्य सरकार को घेर रहे हैं. बीएमसी में बीजेपी पक्ष नेता विनोद मिश्र ने  नेस्को और पी दक्षिण वार्ड में अस्पताल के लिए खरीदे गए उपकरणों की तुलना कर बीएमसी के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है. 

विनोद मिश्र ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि एक ही उपकरण की कीमतों में इतने बड़े पैमाने पर असमानता होने के बावजूद अधिकारियों ने कैसे खरीद की अनुमति दी. उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि इस मामले में जो भी दोषी है उन पर कठोर कार्रवाई करनी होगी.  बीजेपी खुली आंखों से मुंबईकरों के पैसे की लूट नहीं होने देगी. 

रोमेल ग्रुप पर करप्शन का आरोप

इससे पहले बीजेपी विधायक मिहिर कोटेचा ने आरोप लगाया था कि कोविड सेंटर बनाने के लिए एक बिल्डर को बिना अनुभव के अस्पताल बनाने का वर्क आर्डर देकर बीएमसी ने 6 करोड़ रुपए का घोटाला किया है. कोटेचा ने आरोप लगाया था कि 3 महीने के लिए यह कार्य रोमेल ग्रुप को दिया गया. रोमेल ग्रुप के पास अस्पताल बनाने का कोई अनुभव नहीं है. बिल्डर को डेकोरेटर और मेडिकल सप्लाई का काम दिया गया. बीएमसी ने 10.80 करोड़ रुपए का टेंडर भी नहीं निकाला. कोरोना संकट में टेंडर निकालते तो आधिक समय बेकार चला जाता यह मान भी लें तो बाजार भाव और बीएमसी ने जो रेट पहले तय किया था उस अनुरूप ठेका क्यों नहीं दिया गया. रोमेला रियलटर्स को मई  से जुलाई तक ठेका दिया गया था. अगले 3 महीने के लिए फिर उतने का ही वर्क आर्डर देने की तैयारी चल रही. यह घोटाला बढ़कर 12 करोड़ रुपये का हो जाएगा. 

लोकायुक्त में शिकायत

शिकायत के बाद कोई कोई एक्शन नहीं किए जाने के बाद बीजेपी ने इस मामले को  लोकायुक्त से शिकायत करने का मन बना लिया है. विनोद मिश्र ने बताया कि अस्पताल में मरीजों के लिए  पंखे, बेड आदि किराये पर लिए गए सामान को मार्केट रेट से कई गुना अधिक कीमत पर ठेका दिया गया है. कोरोना महामारी फैलने के बाद मनपा प्रशासन मरीजों को इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जगह -जगह अस्थाई अस्पताल बनाने का निर्णय लिया था. विनोद मिश्र ने आरोप लगाया कि गोरेगांंव स्थित नेस्को में बनाये गए अस्थाई अस्पताल 2 हजार बेड होने का दावा किया गया था, लेकिन अभी तक मात्र 1100 से 1150 बेड ही उपलब्ध है. उन्होंने कहा कि वहां जितनी सुविधा उपलब्ध कराई गई है उससे एक चौथाई कम कीमत में सामानों को खरीदा जा सकता था. पंखे का किराया देने पर 1 करोड़ 40 लाख और बेड किराये पर लेने में 1 करोड़ 50 लाख रुपया अधिक खर्च करने का आरोप लगाया. इसी तरह मरीजोंं के लिए ऑक्सीजन को उपलब्ध कराने में भी बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किए जाने का आरोप लगाया.भाजपा नेताओं ने इस  लूट में मनपा आधिकरियोंं और शिवसेना नेताओंं के शामिल होने का भी आरोप लगाया. 

बीएमसी को जवाब देना ही होगा

मिश्र ने कहा कि यह कैसे संभव है कि एक उपकरण के लिए बीएमसी की तरफ से अलग-अलग कीमत स्वीकार की गई हो. बीएमसी किसी उपकरण के लिए निविदा जारी करती है तो उसका रेट पहले से तय रहता है. यदि कीमत में बदलाव करना होता है तो स्टैंडिंग कमेटी से अप्रूवल लेना पड़ता है. कोरोना संकट के कारण निविदा नहीं निकाली गई तो उसके आड़ में जनता के पैसों की लूट हो जाए. बीएमसी को इसका जवाब देना ही होगा.

 उपकरण खरीदी दर में असमानता

उपकरण                   नेस्को अस्पताल              पी साउथ वार्ड

पावड़र कोटेड बेड        1, 80,00,000               98,00,000

 कुर्सी                         4,50,000                       3,50,000      

 बेड शीट                    8,25,000                       2,00,000

 आँक्सीजन सिलेंडर   1,10,00,000                 60,00,000

सीसीटीवी कैमरा         57,60,000          8,00,000

पेडस्टल फैन            1,80,00,000       70,00,000