अच्छी बारिश होने से टला पानी का टेंशन!

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  • कैचमेंट एरिया में मानसून की मेहरबानी
  • झीलों में जमा हुआ 60 प्रतिशत पानी
  • 24 घंटे में 18 दिन के लिए जमा हुआ पानी

मुंबई. मुंबई के लोगों की पीने के पानी को लेकर चला आ रहा संभावित संकट जल्द दूर हो सकता है, क्योंकि पिछले 2 दिनों से मुंबई को जलापूर्ति करनेवाले जलाशयों में अच्छा खासा पानी का स्टोरेज हुआ है. 

बीएमसी से प्राप्त जानकारी के अनुसार, पिछले 24 घंटों में सभी जलाशयों में लगभग 70 हजार मिलियन लीटर पानी जमा हुआ है, जिससे मुंबई के लोगों की 18 दिनों तक पानी की जरूरतों को पूरा किया जा सकता है. हालांकि जलाशयों में पिछले वर्ष की तुलना में अब भी 30 प्रतिशत से कम पानी है. गुरुवार को सुबह तक मुंबई को जलापूर्ति करने वाले सभी 7 जलाशयों में 8.70 लाख मिलियन लीटर पानी का भंडारण हो चुका था, जो कुल जलाशयों की भण्डारण क्षमता का 60.17 प्रतिशत है.

जलापूर्ति में 20 प्रतिशत की कटौती शुरु है

मुंबई शहर में अपर वैतरणा, मध्य वैतरणा, मोडक सागर, तानसा, भातसा के अलावा मुंबई के संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान स्थित तुलसी और विहार जलाशय से जलापूर्ति की जाती है. तुलसी, विहार को छोड़ सभी जलाशय क्षेत्रों में पिछले वर्षों की अपेक्षा 50 प्रतिशत से भी कम बारिश हुई है. जलाशयों में पानी कम होने की वजह से मनपा प्रशासन ने पिछले 5 अगस्त से मुंबई की जलापूर्ति में 20 प्रतिशत की कटौती शुरु की है. पिछले दो दिनों से हो रही अच्छी बारिश की वजह से जलाशयों का जलस्तर उपर खिसक रहा है. 

सभी जलाशयों में 8.70 लाख मिलियन लीटर पानी जमा 

सभी जलाशयों में फिलहाल 8.70 लाख मिलियन लीटर पानी जमा हो चुका है जबकि पिछले वर्ष इसी कालावधि में सभी जलाशयों में 13.37 लाख मिलियन लीटर पानी था. इससे पहले वर्ष 2018 में 13 अगस्त को 12.77 लाख मिलियन लीटर पानी जमा था. मुंबई में पूरे साल नियमित जलापूर्ति के लिए 1 अक्टूबर को सभी जलाशयों में 14.47 लाख मिलियन लीटर पानी की जरुरत होती है. मनपा के जल अभियंता कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक पिछले 24 घंटे में अपर वैतरणा क्षेत्र में 148 मिमी, मोडक सागर क्षेत्र में 95 मिमी, तानसा क्षेत्र में 69 मिमी, मध्य वैतरणा क्षेत्र में 96 मिमी, भातसा क्षेत्र में 72 मिमी, विहार में 62 मिमी एवं तुलसी क्षेत्र में 107 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है. मुंबई के संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान स्थित तुलसी और विहार तालाब लबालब हो कर बहने लगा है. हालांकि इन दोनों तालाबों की जल भंडारण क्षमता बहुत कम है.