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  • अगली रणनीति की प्लानिंग, क्या सुको में जाएगा मामला
  • सीएम और राज्यपाल के बीच नई जंग

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मुंबई. महाराष्ट्र विधान परिषद की 12 खाली सीटों के लिए भेजे गए नेताओं के नाम पर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की लम्बी ख़ामोशी से अब ठाकरे सरकार का धैर्य जवाब देने लगा है. सूत्रों के मुताबिक महाराष्ट्र विकास आघाड़ी में शामिल शिवसेना, कांग्रेस व राकां अब अपनी आगामी रणनीति की प्लानिंग में जुट गए हैं.

ठाकरे सरकार ने इस बारे में राज्यपाल से 21 नवम्बर तक फैसला लेने का आग्रह किया था, लेकिन इस डेडलाइन के गुजर जाने के बाद भी राजभवन से कोई हलचल नहीं हो रही है. जानकारों का कहना है कि अब मामला लटकता हुआ दिखाई दे रहा है. यदि अगले कुछ दिनों में इस बारे में राज्यपाल फैसला नहीं लेते हैं तो एक बार फिर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे व राज्यपाल भगत सिंह के बीच का संघर्ष बढ़ सकता है. ठाकरे सरकार ने विधान परिषद की 12 सीटों के लिए नेताओं की लिस्ट 6 नवंबर को राज्यपाल को सौंपी थी.

सरकार के सामने विकल्प

जानकारों के मुताबिक विधान परिषद की 12 खाली सीटों के लिए भेजे गए नाम पर राज्यपाल कोई फैसला नहीं लेते हैं तो महाराष्ट्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सकती है. यदि ऐसा होता है तो महाराष्ट्र सरकार और राजभवन की लड़ाई खुल कर सामने आ जाएगी. सूत्रों के मुताबिक़ ठाकरे सरकार कोर्ट जाने के विकल्प से फ़िलहाल बचना चाहती है, लेकिन यदि राज्यपाल ने जल्द ही कोई फैसला नहीं लिया तो उनके पास कोर्ट जाने के अलावा कोई चारा नहीं बचेगा.

उद्धव को मनोनीत करने से किया था इनकार

इससे पहले राज्यपाल ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को भी विधान परिषद के लिए मनोनीत करने से इंकार कर दिया था. उद्धव ने पिछले साल बिना किसी सदन के सदस्य होते हुए भी 28 नवंबर को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. ऐसे में 28 मई 2020 से पहले उनके लिए किसी भी सदन का सदस्य होना बेहद जरुरी था.

उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने मुख्यमंत्री ठाकरे को विधान परिषद के लिए मनोनीत करने को लेकर 6 अप्रैल को कैबिनेट की बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित करने के बाद उसे राज्यपाल कोश्यारी के पास भेजा था, लेकिन उन्होंने कोई फैसला नहीं लिया. बाद में सीएम ठाकरे को पीएम नरेन्द्र मोदी से बात करनी पड़ी और कोरोना महामारी के बावजूद विधान परिषद की खाली सीटों के लिए चुनाव आयोजित करने पड़ें और ठाकरे निर्विरोध निर्वाचित हुए. अब एक बार फिर 12 सदस्यों को मनोनीत करने को लेकर ठाकरे सरकार और राज्यपाल के बीच कोल्ड वॉर अपने चरम पर है.