नागपुर. अपराधी मनीष श्रीवास की हत्या के मामले में गिरफ्तार श्रीराम सेना के अध्यक्ष और अपराधी रणजीत सफेलकर के खिलाफ क्राइम ब्रांच को 3 से 4 शिकायतें मिली हैं. फिलहाल सफेलकर से पुलिस हिरासत में पूछताछ जारी है. इसी बीच सफेलकर के करीबी शरद उर्फ कालू हाटे, भरत हाटे और हेमंत गोरखा को न्यायालय ने जेल भेज दिया है. 4 मार्च 2012 को सफेलकर गैंग ने धोखे से मनीष का अपहरण किया था. उसे कामठी के पावनगांव परिसर में स्थित एक घर में ले जाकर गला रेतकर हत्या की गई इसके बाद शरीर के टुकड़े कर कुरई घाट के जंगल में फेंक दिया. इस प्रकरण में पुलिस ने सफेलकर सहित चार आरोपियों को गिरफ्तार किया.
कामठी परिसर में सफेलकर के नाम की तूती बोलती थी. अपने नाम की दहशत से उसने कई लोगों की डराया-धमकाया. कलमना की एक जमीन का मामला हाल ही में दर्ज हुआ. पुलिस के अनुसार सफेलकर के खिलाफ 3-4 शिकायतें और मिली है. उन सभी की छानबीन की जा रही है. जल्द ही सफेलकर के खिलाफ और मामले दर्ज होंगे. यह माना जा रहा है कि पुलिस ने संतोष आंबेकर की तरह ही सफेलकर का भी साम्राज्य खत्म करने के लिए कमर कस ली है.
पॉलीग्राफ जांच की नहीं मिली अनुमति
मनीष श्रीवास हत्याकांड को 9 वर्ष बीत चुके हैं. ऐसे में ठोस सबूत जब्त करने में पुलिस को दिक्कत हो रही है. ऐसे में इन्वेस्टिगेशन में पॉलीग्राफ जांच की मदद लेना चाहती है. पुलिस ने आरोपियों की पॉलीग्राफ जांच करवाने के लिए न्यायालय से अनुमति मांगी थी, लेकिन आरोपियों ने जांच करवाने से इंकार कर दिया. जिसके बाद पुलिस की अपील को नामंजूर कर दिया गया. पुलिस ने कालू, भरत और गोरखा की पुलिस हिरासत भी मांगी थी, लेकिन कोई ठोस कारण नहीं होने के कारण तीनों को जेल रवाना कर दिया गया.