Aapli Bus
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  • प्रथम चरण में खापरी, हिंगना, वाडी का संचालन
  • 40 बस चलाने की तैयारी

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नागपुर. कोरोना महामारी के संकट से निपटने के लिए सरकार की ओर से घोषित लाकडाऊन के पहले चरण में ही सर्वप्रथम शहर बस सेवा का संचालन पूरी तरह बंद कर दिया गया. अब लगभग 7 माह बाद बस सेवा को सुचारू करने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं. जिसमें अब बुधवार से ही बसों का संचालन शुरू करने का निर्णय लिया गया है. प्रथम चरण में सर्वाधिक आवश्यकता वाले खापरी, हिंगना और वाडी जैसे औद्योगिक क्षेत्रों के लिए 40 बसों को चलाने का निर्णय लिया गया है. जिसके बाद चरणबद्ध तरिके से शहर में बसों का संचालन शुरू किया जाएगा. 2-3 दिनों में ही शहर बस सेवा पूर्ववत होने की आशा परिवहन व्यवस्थापक शकील नियाजी ने दी. उल्लेखनीय है कि हाल ही में विधायक विकास ठाकरे द्वारा आयुक्त को पत्र भेजकर बस सेवा शुरू करने और पूर्व विरोधी पक्ष नेता संदीप सहारे के नेतृत्व में भी आयुक्त से मिलकर शिष्टमंडल ने बस शुरू नहीं होने पर तीव्र आंदोलन करने की चेतावनी दी थी.

मास्क नहीं, तो नहीं मिलेगा प्रवेश

राज्य सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार पूरी क्षमता से बसों का संचालन शुरू किया जा रहा है. यहां तक कि संचालन के लिए सरकार द्वारा निर्धारित नियमों का पालन भी सुनिश्चित किया जाएगा. जहां बसों में सेनिटाइजर का इंतजाम होगा, वहीं बिना मास्क किसी भी यात्री को प्रवेश नहीं दिया जाएगा. इसके अलावा बस डेपो में वापस लौटने पर उसे पूरी तरह सेनेटाइज भी किया जाएगा. सोमवार को मनपा मुख्यालय में परिवहन सभापति बाल्या बोरकर की अध्यक्षता में बस आपरेटर्स की बैठक भी ली गई. लेखा अधिकारी विनय भारद्वाज, नीलमणी गुप्ता, सदानंद कालकर, शेखर आदमने और सूर्यकांत अंबाडेकर आदि उपस्थित थे. सभी आपरेटर्स को नियमों का पालन करने की हिदायत दी गई. 

अबतक बस शुरू करने में आनाकानी क्यों?

बस शुरू करने की मांग करनेवाले कांग्रेस के पार्षदों ने कहा कि शहर बस सेवा का संचालन शुरू करने लिए राज्य सरकार की ओर से काफी पहले ही दिशा निर्देश जारी किए गए थे. किंतु मनपा परिवहन विभाग की ओर से शहर बस शुरू नहीं किया गया. यहां तक कि बस शुरू नहीं होने के लिए राज्य सरकार पर आरोप मढ़े जा रहे थे. अब कोई भी नए निर्देश जारी नहीं किए गए. किंतु बसों का संचालन शुरू हो रहा है. जिससे यह तय है कि मनपा द्वारा ही बसों को शुरू करने में आनाकानी की जा रही थी. जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा था.