Hearing on June 29 on a petition against blacklisting foreigners involved in taboo activities

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नागपुर. केंद्र सरकार ने कोविड-19 महामारी से निपटने के उद्देश्य से सार्वजनिक परमार्थ कोष ‘प्रधानमंत्री नागरिक सहायता एवं आपातकालीन स्थिति राहत कोष’ (पीएम केयर्स) में प्राप्त धन की घोषणा करने की अपील को लेकर दायर की एक याचिका का मंगलवार को विरोध किया और अदालत से उसे खारिज करने का अनुरोध किया। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने बम्बई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ से कहा कि वकील अरविंद वाघमारे द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया जाना चाहिए। उन्होंने न्यायमूर्ति एस बी शुक्रे और न्यायमूर्ति ए एस किलोर की एक खंडपीठ को बताया कि अप्रैल में उच्चतम न्यायालय ने पीएम केयर्स फंड की स्थापना के खिलाफ इसी तरह की याचिका को खारिज कर दिया था।

पीठ ने केंद्र सरकार को दो सप्ताह के भीतर याचिका के जवाब में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। अदालत ने कहा, ‘‘आप (केंद्र सरकार) का जो भी रुख है, वह बताते हुए एक हलफनामा दाखिल करें।” वाघमारे ने अपनी याचिका में सरकार को समय-समय पर सरकारी वेबसाइट पर पीएम केयर्स फंड में प्राप्त धन और उसके व्यय की घोषणा करने का निर्देश देने का अनुरोध किया है। याचिका के अनुसार, पीएम केयर्स ट्रस्ट कोरोना वायरस की वजह से उत्पन्न आपातकालीन स्थिति या संकट से निपटने के मुख्य उद्देश्य के साथ बनाया गया है।

इसके अध्यक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं और रक्षा मंत्री, गृह मंत्री और वित्त मंत्री इसके सदस्य हैं। याचिका में दावा किया गया कि पीएम केयर्स फंड के दिशानिर्देशों के अनुसार, अध्यक्ष और तीन अन्य न्यासियों के अलावा, अध्यक्ष को तीन और न्यासियों की नियुक्ति या नामित करना था। 28 मार्च, 2020 को ट्रस्ट के गठन से लेकर अब तक कोई नियुक्ति नहीं हुई है। याचिका में अदालत से ट्रस्ट की उचित निगरानी और पारदर्शिता के लिए सरकार और ट्रस्ट को विपक्षी दलों के कम से कम दो सदस्यों को नियुक्त करने या नामित करने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।(एजेंसी)