जीवनशैली बदलें, कोरोना से बचें

  • कोवीड संवाद ने डाक्टरों किया मार्गदर्शन

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नागपुर. कोरोना की वैक्सीन नहीं आई है जिसके चलते अपनी दिनचर्या जारी रखते हुए सतर्कता बरतना ही सर्वोत्तम उपाय है. कोरोना के साथ जीने के लिए अपनी जीवनशैली को बदलें. ‘एसएमएस’ यानी सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क का उपयोग और समय समय पर सेनिटाइजर का उपयोग सभी को अंगीकार करना ही होगा. यह कहना है डाक्टरों का, जो मनपा व आईएमए के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कोविड संवाद में नागरिकों का मार्गदर्शन कर रहे थे.

रेडियोलाजिस्ट डा. जितेन्द्र शाहू व बाल रोग विशेषज्ञ डा. सौरभ कुबडे ने नागरिकों से ‘गर्भस्थ-नवजात शिशु स्वास्थ्य और कोविड’ विषय पर संवाद साधा. गर्भवती महिला को कौन सी सतर्कता रखनी है. स्वच्छता और सैनिटाइजेशन का क्या महत्व है आदि के संदर्भ में नागिरकों के सवालों के जवाब दिये.

ऐसे मापें आक्सीजन लेवल

डा. कुबडे ने कहा कि कोविड हो सकता है या नहीं, यह जानने के लिए 6 मिनट वाकिंग टेस्ट प्रत्येक को करना चाहिए. 6 मिनट में कम से कम 600 मीटर पैदल चलें. चलने के पूर्व आक्सीजन लेवल और उसके बाद आक्सीजन लेवल की जांच करें. चलने के पूर्व लेवल 96 से 98 होगा और चलने के बाद 5-6 से नीचे आ रहा हो तो आपको कोविड हो सकता है. इसलिए तत्काल जांच करवाएं. उन्होंने कहा कि वाल्व लगा हुआ मास्क प्रदूषण से बचाव के लिए उपयोग किया जाता है. कोविड पाजिटिव मरीजों को ऐसा मास्क उपयोग नहीं करना चाहिए. डाक्टरों ने संवाद के दौरान अनेक नागरिकों के सवाल के जवाब देकर उनकी शंकाओं का निराकरण भी किया.