Shocking incident in Andhra Pradesh, during the sacrifice, instead of the goat, the neck of the man holding the animal was cut off
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नागपुर. मोका के मामले में जमानत रद्द होने के बाद से फरार चर्चित अपराधी सुमित राजकुमार ठाकुर को गिट्टीखदान पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. शनिवार को उसे न्यायालय में पेश किया गया. अदालत ने उसे जेल रवाना कर दिया. सुमित और उसकी गैंग के खिलाफ कई गंभीर आपराधिक मामले दर्ज है. अपराधी पिन्नू पांडे से चल रही गैंगवार को लेकर सुमित ज्यादा चर्चा में बना रहा. वर्ष 2015 में सुमित और उसकी गैंग ने घर के समीप रहने वाले प्रा. मस्के के साथ मारपीट कर उनकी कार जला दी थी.

ठाकुर गैंग की गतिविधियों को देखते हुए पुलिस ने विविध धाराओं के तहत मामला दर्ज करने के बाद मोका भी लगा दिया था. 2018 में सुमित को उच्च न्यायालय ने शहर में दाखिल न होने की शर्त पर जमानत मंजूर की थी. इसके बावजूद वह कई बार शहर में देखा गया. पुलिस ने दोबारा उच्च न्यायालय में उसकी जमानत रद्द करने की याचिका दायर की. 2 मार्च 2019 को न्यायालय ने सुमित की जमानत रद्द कर उसे 8 दिन के भीतर सरेंडर करने के आदेश दिए थे, लेकिन सुमित फरार हो गया.

शुक्रवार को गिट्टीखदान थाने के कांस्टेबल मंजीतसिंह ठाकुर को जानकारी मिली कि सुमित अपने परिजनों से मिलने घर आने वाला है. खबर के आधार पर पुलिस ने उसके घर के आस-पास जाल बिछा लिया. कार क्र. एम.एच.46-एन.8955 पर परिसर में दाखिल होते ही पुलिस दस्ते ने उसे दबोच लिया.

न्यायालय ने उसे जेल भेज दिया है. डीसीपी विनीता शाहू, एसीपी रेखा भवरे और इंस्पेक्टर सुनील चव्हाण के मार्गदर्शन में पीएसआई साजिद अहमद, दत्ता पेंडकर, हेड कांस्टेबल अनिल त्रिपाठी, मजहर खान, कांस्टेबल मंजीतसिंह, बलजीत ठाकुर, निलेश इंगोले, विवेक बोटरे, आनंद केंद्रे, कुणाल कोरचे और वैभव कुलसंगे ने कार्रवाई को अंजाम दिया.