RTPCR test
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  • टेस्ट की अलग-अलग रिपोर्ट पर मनपा का खुलासा

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नागपुर. कोरोना के लगातार बढ़ रहे संक्रमण के चलते लोगों की ओर से अब भले ही टेस्ट कराएं जा रहे हो, लेकिन अलग-अलग पैथालाजी लैब से अलग-अलग रिपोर्ट आने के कारण संभ्रम की स्थिति उत्पन्न हो रही है. यहां तक कि सोशल मिडिया पर इसे लेकर तरह-तरह की अफवाहों का बाजार गर्म है.

शहरवासियों में संभ्रम की स्थिति को देखते हुए गुरूवार को मनपा मुख्यालय में आपात बैठक ली गई. जिसके बाद एन्टीजेन टेस्ट से कोरोना का पुख्ता खुलासा नहीं होने के कारण ही इस तरह की सम्भ्रम की स्थिति होने का खुलासा स्वास्थ्य अधिकारी डा. योगेन्द्र सवई की ओर से किया गया. उन्होंने कहा कि आईसीएमआर के दिशा निर्देशों के अनुसार एन्टीजेन टेस्ट और आरटी-पीसीआर टेस्ट के विकल्प उपलब्ध कराए गए हैं. दो तरह की होनेवाली टेस्ट में आरटी-पीसीआर ही कोरोना को निश्चित करनेवाली टेस्ट है.

लक्षणों पर निर्भर है कोरोना
उन्होंने बताया कि यदि एन्टीजेन टेस्ट में कोई व्यक्ति निगेटिव पाया गया, तो उसे निगेटिव ही समझा जाता है. लेकिन ऐसे व्यक्ति में लक्षण हो, तो उसे फाल्स निगेटिव माना जाता है. जिसके बाद उसे आरटी-पीसीआर टेस्ट कराना चाहिए. लोगों में चल रहे सम्भ्रम पर उन्होंने कहा कि यदि किसी सेंटर पर एन्टीजेन टेस्ट कराई गई और वह निगेटिव निकली तथा अलग सेंटर पर दूसरी टेस्ट में यदि टेस्ट पाजिटिव पाई जा रही है, तो निश्चित ही वह आरटी-पीसीआर टेस्ट है. इसी वजह से दोनों रिपोर्ट में अलग-अलग निर्धारण हो रहा है. 

पाजिटिव के सम्पर्क में आए, तो आयसोलेशन में जाएं
महापौर संदीप जोशी ने कहा कि किसी व्यक्ति की टेस्ट भले ही निगेटिव आई हो, किंतु यदि संबंधित व्यक्ति किसी पाजिटिव के सम्पर्क में आया हो, तो उसने स्वयं ही आयसोलेशन में जाना चाहिए. एन्टीजेन रैपिड टेस्ट केवल कोरोना पाजिटिव मरीज ढूंढने के लिए स्क्रिनिंग टेक्नीक है. किसी प्रतिबंधित क्षेत्र में हाईरिस्क मरीज हो और टेस्ट कराना अत्यावश्यक हो, तो तुरंत प्रभाव में पहले एन्टीजेन टेस्ट की जाती है. इसमें यदि संबंधित व्यक्ति पाजिटिव पाया जाता है, तो वह पाजिटिव ही होता है. उसे आरटी-पीसीआर टेस्ट करने की आवश्यकता नहीं होने की जानकारी सवई ने दी.