- 69 स्टॉल्स का हुआ था वितरण
- 33 स्थानों का फिर आया है प्रस्ताव
नागपुर. राष्ट्रीय दुग्धविकास मंडल को मदर डेअरी पार्लर और मिल्क बूथ के लिए मनपा की ओर से फुटपाथों और सड़क के किनारों पर स्टॉल्स के लिए जगह उपलब्ध कराई जाती है. विशेष रूप से विकलांग और पूर्व सैनिकों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होने के कारण मनपा की ओर से इस योजना पर अमल किया गया. किंतु अब योजना का बंटाढार होता दिखाई दे रहा है. आलम यह है कि कई लाभार्थियों ने खुद को आवंटित स्टॉल्स किराये पर दे दिए हैं.
इस संदर्भ में संबंधित क्षेत्रों के पार्षदों द्वारा न केवल महापौर बल्कि आयुक्त से भी शिकायत की गई. जिससे मामला गरमाया हुआ है. मनपा की ओर से इसके पूर्व शहर के विभिन्न हिस्सों में इस तरह के 69 स्टॉल्स का आवंटन किया गया था. योजना का दुरूपयोग किए जाने के बावजूद अब गुरुवार को होने जा रही मनपा की सभा में पुन: 33 स्टॉल्स को मंजूरी देने का प्रस्ताव स्थावर विभाग की ओर से रखा जा रहा है.
स्थावर विभाग की कार्यप्रणाली पर संदेह
पार्षदों का मानना है कि मनपा की कई योजना अच्छी है लेकिन इसका संचालन सटिकता से करने की जिम्मेदारी प्रशासन की है. योजना पर अमल करने के बाद इस पर अधिकारियों का ध्यान नहीं होता. यहीं कारण है कि हर योजना विफल दिखाई देती है. इसी तरह का मसला मदर डेअरी का भी है.
जिन स्थानों पर स्टॉल्स उपलब्ध कराए गए, उस संबंधित जोन के अधिकारियों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी जानी चाहिए थी. जिन जरूरतमंदों को स्टॉल्स वितरित किए गए. उन्हीं लाभार्थियों द्वारा स्टॉल्स का संचालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए था. किंतु स्टॉल्स देने के प्रस्ताव को मंजूरी देकर पूरा मसला ही राष्ट्रीय दुग्धविकास मंडल के हाथों में सौंप दिया गया. इस तरह से मनपा अधिकारियों ने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया है.
दूसरे चलाते हैं विकलांगों के स्टॉल्स
एक ओर जहां मदर डेअरी आउटलेट के लिए फुटपाथों पर स्टॉल्स का आवंटन हुआ है, उसी तरह विकलांगों को भी रोजगार देने के उद्देश्य से कुछ स्थानों पर स्टॉल्स का वितरण किया गया है. इन स्टॉल्स पर बाकायदा विकलांगों का स्टॉल तो लिखा हुआ है लेकिन संचालन किसी अन्य व्यक्ति द्वारा किया जा रहा है. जिला परिषद के गेट के बगल में भी इसी तरह का मामला उजागर हुआ है.
लगातार उजागर होते इन मामलों को लेकर अब मनपा की ओर से गंभीरता जताई जा रही है. गुरुवार को होने जा रही मनपा की सभा में हालांकि पुन: 33 स्टॉल्स को मंजूरी के विषय पर तो चर्चा होगी, लेकिन इन स्टॉल्स को लेकर हो रही धांधली पर भी प्रशासन को घेरे जाने की संभावना जताई जा रही है.