Sandeep Joshi and Tukaram mundhe

  • दूरदर्शिता के अभाव में बिगड रही हालत

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नागपुर. तत्कालीन मनपा आयुक्त तुकाराम मुंढे ने अगस्त में लॉकडाउन की तैयारी दिखाई थी, लेकिन उस वक्त महापौर संदीप जोशी ने विरोध करते हुए कहा था कि यदि लॉकडाउन किया गया तो वे अपने कार्यकर्ताओं के साथ सड़कों पर उतरेगे. वर्तमान में सिटी में स्थिति बिगड़ गई है. यदि उसी वक्त लॉकडाउन होता तो इसका फायदा भी मिलता. अब जनता कर्फ्यू के ज्यादा लाभ नहीं मिलने वाला है. कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के शहराध्यक्ष इरसाद अली ने आरोप लगाया कि दोषपूर्ण नीतियों की सजा सिटी की जनता भुगत रही है.

उन्होंने बताया कि शनिवार को महापौर सड़क पर उतरकर दूकानदारों से बंद करने की अपील करते रहे. लेकिन अब बहुत देर हो गई है. हर दिन 50 से अधिक लोग मर रहे है. वहीं 1500 से कम पाजिटिव नहीं आ रहे हैं. राज्य के अन्य शहरों में अगस्त के महीने में उपाय योजना के तौर पर शनिवार और रविवार को जनता कर्फ्यू के साथ लॉकडाउन भी किया गया था. लेकिन सिटी के नेताओं ने गंभीरता नहीं दिखाई. वर्तमान में नतीजा सबसे सामने है.

मनपा प्रशासन एक ओर जहां अधिकाधिक निजी अस्पतालों को कोविड के लिए आरक्षित कर रही है. वहीं दूसरी ओर मनपा के चार अस्पतालों में अब तक उपचार शुरू नहीं किया जा सका है. बेड तैयार है, लेकिन डाक्टरों की कमी की वजह से मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है. लोगों को निजी अस्पतालों में लाखों रुपये करना पड़ रहा है.