Crime

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नागपुर. पाप घड़ा एक न एक दिन भरता है जरूर है और जब यह घड़ा भर जाता है तो पापी को उसकी सजा मिलती है. ऐसा ही कुछ शिवसेना के बर्खास्त शहर प्रमुख मंगेश कड़व के मामले में भी हुआ. लंबे समय से कड़व आपराधिक गतिविधियों में सक्रिय था. बावजूद इसके कड़व शहर का प्रमुख बन गया यह आश्चर्य की बात है. अब जब उसका घड़ा भर गया तो पुलिस के सामने शिकायतों का ढेर लग गया है. कड़व वर्ष 2003 से ही आपराधिक गतिविधियों में सक्रिय था. उसके खिलाफ घर पर अवैध कब्जा जमाने, फिरौती मांगने, हथियार लेकर किसी के घर में घुसने ऐसे 7 मामले पहले भी दर्ज थे. बावजूद इसके वह शिवसेना का शहर प्रमुख बन गया. इतना बड़ा पद हासिल होने के बाद घमंड बढ़ गया और कानून का डर कम हो गया. वह तेजी से सक्रिय हुआ. कई प्रापर्टियों पर कब्जा जमा लिया. कई लोगों को प्रापर्टी बेचने के नाम पर चूना लगाया. अब लोग बिना डरे पुलिस से शिकायत कर रहे है.

कुल 12 मामले है दर्ज
हालही में पुलिस ने कड़व के खिलाफ 5 मामले दर्ज किए. 7 मामले पुराने है. 1 दर्जन मामले तो कड़व पर दर्ज किए जा चुके है और अधिकारियों की माने तो करीब 1 दर्जन मामले और दर्ज होंगे. इससे साफ है कि अब कड़व का बचना मुश्किल है. पुलिस ने उसपर शिकंजा कसने की पूरी तैयारी कर ली है. बस इंतजार है उसकी गिरफ्तारी का. कड़व की गिरफ्तारी के लिए पुलिस जगह-जगह छापेमारी कर रही है. एंटी एक्सटॉर्शन सेल के इंस्पेक्टर भारत क्षिरसागर प्रकरण की जांच कर रहे है. भारत ने बताया कि पुलिस ने कड़व की एक और लग्जरी कार जब्त कर ली है. यह कार कड़व की पत्नी रुचिता की बहन के घर से जब्त की गई. इसके पहले भी पुलिस 3 महंगी गाड़ियां जब्त कर चुकी है. पुलिस ने कड़व के सभी ठिकानों पर छापेमारी की है. 

भारी मात्रा में मिले संपत्ति के दस्तावेज
बताया जाता है कि भारी मात्रा में उसके घर और कार्यालय से प्रापर्टी के दस्तावेज जब्त किए गए है. इसमें कुछ विवादित प्रापर्टी के दस्तावेज है. कई लोगों से कड़व ने स्टैंप पेपर लिखवाकर व्यवहार किया गया था. इन सभी दस्तावेजों की जांच पुलिस कर रही है. कड़व के जितने भी बैंक खाते है सभी की जांच की जाएगी. जो जानकारी उपलब्ध है उसके हिसाब से बैंकों को पत्र लिखा गया है. इससे साफ है कि पुलिस ने कड़व को आर्थिक रूप से घेरने की तैयारी कर ली है. धोखाधड़ी और फिरौती वसूलकर जमा की गई उसकी सभी चल-अचल संपत्ति का पुलिस पता लगा रही है. मामला दर्ज होने के बाद से कड़व अंडरग्राउंड हो गया है. उससे संबंधित सभी लोगों के फोन पर पुलिस निगरानी कर रही है. एक बार कड़व पुलिस की गिरफ्त में आ गया तो उसका बाहर आना भी मुश्किल हो जाएगा.