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    नागपुर. सोशल मीडिया पर वर्तमान में ‘साइबर बुलिंग’ अर्थात ऑनलाइन छेड़छाड़ की घटनाएं बढ़ीं हैं जिससे सोशल मीडिया का उपयोग करने वाली महिलाएं इसकी शिकार होती दिखाई दे रही हैं. अत: ऑनलाइन छेड़छाड़ के खिलाफ कड़ा कानून बनाने की मांग करते हुए सोशल मीडिया विश्लेषक अजीत पारसे ने राज्य के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल को पत्र भेजा है.

    उन्होंने कहा कि हाल ही में एक अभिनेत्री ने सोशल मीडिया पर निजी राय प्रकट की थी जिसके बाद साइबर बुलिंग और सोशल मीडिया पर छेड़छाड़ का मुद्दे ने आंच पकड़ी. एक रील सोशल मीडिया पर अपलोड करते ही कई नकारात्मक कमेंट पोस्ट किए गए. इस तरह की पोस्ट भी साइबर बुलिंग के तहत आती हैं. 

    महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर आघात

    अभिनेत्री की तरह ही कई युवतियों और महिलाओं को प्रतिदिन सोशल मीडिया पर ऑनलाइन छेड़छाड़ को लेकर मानसिक परेशानियां झेलनी पड़ती हैं. इंटरनेट के इस दौर में होने वाली इन घटनाओं के चलते महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर आघात हो सकता है. सामाजिक जीवन में उन्हें बदनाम भी होना पड़ सकता है. इस पर अंकुश लाने के लिए कड़े कानून की आवश्यकता है.

    गृह मंत्री को भेजे गए पत्र में उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर अश्लील कमेंट्स या चैटिंग करना, किसी की फेक आईडी तैयार कर बदनामी करना, ब्लैकमेलिंग करना, महिला या युवतियों से उनकी इच्छा के विरुद्ध पोस्ट जैसी घटनाएं छेड़छाड़ के तहत आती हैं. 44 करोड़ लोग सोशल मीडिया का उपयोग करते हैं जिनमें महिलाओं की भी बड़ी संख्या है. 

    ऑनलाइन छेड़छाड़ रोकने के लिए प्रभावी कानून नहीं है. ऐसे में कानून बनने के बाद किसी युवती के साथ साइबर बुलिंग की घटना हुई तो अपराधियों को पुलिस सलाखों के पीछे ले जा सकती है. इसी तरह के कानून की वर्तमान में आवश्यकता है. – अजीत पारसे, सोशल मीडिया विश्लेषक.