Corona Death
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    नागपुर. अब तो कोरोना रूपी ‘राक्षस’ पूरी तरह बेकाबू हो गया लगता है. उसका कहर थम ही नहीं पा रहा है. प्रशासन व सरकार दोनों ही अब केवल दर्शक बन गए प्रतीत हो रहे हैं. व्यवस्था के प्रयास तो किए जा रहे हैं लेकिन उसकी लेटलतीफी लोगों की जान पर भारी पड़ रही है. सण्डे को कोरोना 85 लोगों का काल बन गया. जिले में 85 संक्रमितों की मौत हो गई जिनमें सिटी के 45 और जिले के ग्रामीण भागों के 33 का समावेश है, वहीं 7 जिले के बाहर के हैं. इन्हें मिलाकर कर अब तक जिले में कोरोना से मौत का आंकड़ा 6,273 पर पहुंच गया है.

    वहीं सण्डे को मिली रिपोर्ट के अनुसार जिले में 7,107 नये पॉजिटिव मिले हैं जिनमें 4,602 सिटी के और 2,498 ग्रामीण भागों के हैं. नये संक्रमित मिलाकर अब तक कोरोना पॉजिटिव की संख्या 3,23,106 हो गई है. इनमें 2.40 लाख से ऊपर तो सिटी के ही हैं और ग्रामीण भागों के 81,711 का समावेश है. हालात यह हैं कि सड़कों पर एम्बुलेंस ही घूमती नजर आ रही हैं. अस्पतालों में बेड की तलाश में भटकते हुए कई लोगों की मौत होने की खबरें मिल रही हैं.

    रिकवरी रेट निराशाजनक

    अब तो स्वस्थ होने वालों का आंकड़ा यानि रिकवरी रेट भी निराशाजनक स्थिति में पहुंचता दिख रहा है. सण्डे को जहां 7,000 से अधिक नये पॉजिटिव पाए गए हैं, वहीं 3,987 मरीज स्वस्थ होकर घर भी लौटे हैं. रिकवरी रेट काफी घिसर कर 76.63 प्रतिशत पर आ गया है जो कभी 96 प्रतिशत तक पहुंच चुका था. जिले में अब तक 2,47,590 संक्रमित स्वस्थ भी हो चुके हैं. संक्रमण जिस तेजी से फैल रहा है उससे तो अब उसके हवा से भी फैलने की बात की जा रही है. सिटी में ऐसा कोई गली-मोहल्ला नहीं बचा है जहां कोविड के मरीज न हों और जहां इससे मौत न हो रही हो. सभी उम्र के लोग अब सेकंड वेव में संक्रमित हो रहे हैं. 

    54,000 होम क्वारंटाइन

    हालत यह है कि जिले के कोविड अस्पतालों और सेंटरों में 15,247 मरीज उपचार के लिए भर्ती हैं और उससे कहीं अधिक 53,996 संक्रमित होम क्वारंटाइन होकर अपना उपचार करवा रहे हैं. होम क्वारंटाइन में भी कई मरीजों की हालत खराब है. ऑक्सीजन की व्यवस्था नहीं होने के चलते स्थिति गंभीर बनी हुई है. एम्बुलेंस की कमी हो गई है. हालात ऐसे हैं कि प्रशासन के साथ सहयोगात्मक रवैया अपनाते हुए नागरिकों को अब कोरोना को जिले व सिटी से बाहर करने के लिए पूरी ताकत लगानी पड़ेगी. आज भी ऐसे लोग देखे जा रहे हैं जो सब्जी-फल, दूध, दवा आदि खरीदने के लिए भीड़ कर रहे हैं और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहे हैं. 

    कड़क लॉकडाउन की जरूरत

    अब तो जिम्मेदार नागरिक भी मान रहे हैं कि सरकार को जिले में कड़क लॉकडाउन लगा देना चाहिए. अभी तो पॉजिटिव लोग भी शहर में घूम रहे हैं जो अन्य लोगों के लिए खतरा बने हुए हैं. शनिवार को पुलिस की जांच में ऐसे 18 पॉजिटिव पकड़ में आए. जिले में मरीजों की संख्या इतनी बढ़ गई है कि अस्पताल कम पड़ रहे हैं. ऑक्सीजन, वेंटिलेटर की भारी कमी है. लाशों को ले जाने के लिए एम्बुलेंस कम पड़ रहे हैं. पैसा, पहचान, पावर कुछ काम नहीं आ रहा है. नागरिकों को अपना व अपने परिवार के साथ ही पास-पड़ोसियों का रक्षक खुद ही बनना है. सरकार, प्रशासन, डॉक्टरों द्वारा यही अपील की जा रही है.