Nagpur Bus Stand, Ganeshpeth, Nagpur
गणेशपेठ बस स्टैंड पर बम

  • पिछले साल लॉकडाउन की वजह से रुका था

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नागपुर. एसटी बस स्टैंड पर बन रहे नये प्लेटफार्म का काम अब तक शुरू नहीं हो सका है. एक साल पूर्व जब पहले लॉकडाउन लगा था उस वक्त से प्लेटफार्म का काम बंद पड़ा है. अब वापस लॉकडाउन लग चुका है लेकिन अब तक एसटी बस स्टैंड के प्लेटफार्म का काम आगे नहीं बढ़ सका है. एसटी बस स्टैंड के मैनेजर अनिल आमनेरकर ने बताया कि यह कार्य काफी समय से बंद पड़ा है. कुछ फंड आने में देरी हो रही है. ऊपर से लगातार लग रहे लॉकडाउन के कारण भी समस्या हो रही है. स्थिति सामान्य होने के बाद जल्द ही प्लेटफार्म का काम वापस शुरू किया जाएगा. अधिकारियों का कहना है कि लगातार लग रहे लॉकडाउन की वजह से काम अटक गया है, वहीं कुछ का कहना है कि इसके लिए फंड नहीं है. फंड अटकने के कारण काम रुक गया है.

होती है यात्रियों को परेशानी

एसटी बस स्टैंड पर अभी 20 प्लेटफार्म हैं लेकिन रोजाना यहां करीब 400 से अधिक बसों का आना-जाना होता है जिससे बस को प्लेटफार्म पर जगह नहीं मिल पाती. इस कारण बसें कहीं भी खड़ी होती हैं. एसटी में अभी ज्यादातर बसें अपने निर्धारित प्लेटफार्म पर खड़ी नहीं हो रही हैं. इसका सबसे बड़ा कारण प्लेटफार्म की कमी ही है. कौनसी बस कहां खड़ी है यह यात्रियों को खुद ही खोजना पड़ता है. यात्रा करने से पहले यात्रियों को यहां मशक्कत करनी ही पड़ेगी. यह हाल एसटी बस स्टैंड में अब रोजाना ही होने लगा है. ड्राइवर अपनी मनमर्जी से कहीं भी बस खड़ी कर रहे हैं. 

उतरने के लिए भी करना पड़ता है इंतजार

यात्रियों को परेशानी सिर्फ बस में बैठने के लिए नहीं हो रही है, बल्कि कहीं और से यात्रा कर यहां पहुंचने पर भी उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. एक ही समय पर कई बसों के आने से प्लेटफार्म इंगेज हो जाता है जिस कारण उसके खाली होने तक दूसरी यात्री बसों को प्लेटफार्म के पहले ही उतरना पड़ रहा है या फिर उन्हें प्लेटफार्म खाली होने तक का इंतजार करना पड़ रहा है. 

21 नये प्लेटफार्म बनाने की थी प्लानिंग

प्लेटफार्म निर्माण का काम सालों से बंद पड़ा है. बताया जा रहा है कि गणेशपेठ बस स्टैंड पर 21 नये प्लेटफार्म बनाने थे. अभी वर्तमान में एसटी स्टैंड में 20 प्लेटफार्म हैं. नये प्लेटफार्म का काम 2020 में ही पूरा हो जाना था लेकिन आज तक काम पूरा नहीं हो सका है. इस बस स्टैंड पर कोरोना काल को छोड़ दिया जाए तो 40,000 यात्री रोजाना पहुंचते हैं. 1,300 से अधिक बसें आना-जाना करती हैं.