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  • कुतुबशाह नगर में हंगामा, लोग भड़के

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नागपुर. पुलिस लाइन टाकली समीप कुतुबशाह नगर में अपनी ही अतिक्रमण की जगह देखने पहुंची पुलिस को खाली हाथ लौटना पड़ा. बुधवार की रात नागरिकों में उस समय हड़कंप मच गया जब पीआई द्वारा नागरिकों को नोटिस भेज घरों दस्तावेज लेकर थाने में पहुंचने के लिए कहा गया. अचानक पुलिस द्वारा भेजे गए इस नोटिस से स्थानीय नागरिक प्रशासन पर भड़क गए.

पुलिस का मानना है कि लोगों ने पुलिस की जमीन पर अतिक्रमण कर रखा है. इसलिए उन्होंने स्थानीय नागरिकों को अतिक्रमणकर्ता बताते हुए जमीन छोड़ने के लिए भी कहा गया, लेकिन एन समय पर पश्चिम नागपुर के विधायक विकास ठाकरे ने गिट्टीखदान पीआई का घेराव किया और पीआई को फटकार लगाते हुए गरीब और बेबस नागरिकों को बेघर होने से बचा लिया. इस अवसर पर नितिश ग्वालवंशी, प्रमोद ठाकुर, रिजवान रूमवी, बंटी गुप्ता, विलास बरडे, सुभाष मानमोड़े उपस्थित थे.

60 वर्षों से बसी बस्ति को अचानक नोटिस

स्थानीय निवासी नूर खान ने बताया कि कुतुबशाह नगर को मनपा ने स्लम बस्ति घोषित किया हुआ है. इस परिसर में लोग पिछले 60 भी अधिक वर्षों से रह रहे है. पहले यहां खदान हुआ करती थी. लोगों ने खदान की जमनी पर भरन डालकर रहने के लिए अपना आशियाना तैयार किया. करीब 800 परिवार कई वर्षों से इस परिसर मे रह रहे हैं. गिट्टीखदान पुलिस थाने के सीनियर पीआई द्वारा परिसर के नागरिकों को एक नोटिस जारी किया गया, जिसमें कहा गया कि पुलिस विभाग द्वारा पुलिस लाइन टाकली परिसर स्थित पुलिस की जमनी की नापजोख प्रक्रिया शुरू है. इसलिए सभी नागरिक अपनी जमीन के दस्तावेज लेकर थाने पहुंचे. बुधवार की रात 8 से 11 बजे तक पुलिस ने परिसर के नागरिकों को नोटिस बांटे. नोटिस को देख स्थानीय निवासी दहशत में आ गये. इस संबंध में गिट्टीखदान थाने के पीआई चौव्हाण से भी संपर्क किया गया, लेकिन उन्होंने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया. 

पुलिस को नहीं नापजोख का अधिकार- विकास ठाकरे

विधायक विकास ठाकरे तक इसकी जानकारी पहुंचने पर उन्होंने गुरुवार की सुबह करीब 11.30 बजे गिट्टीखदान थाने में स्थानीय नागरिकों के साथ धावा बोला. उन्होंने पीआई चौव्हाण को हड़काते हुए कहा कि पुलिस को किसी भी परिसर का नापजोख करने का अधिकार नहीं है. जमीन का नापजोख करने का काम सिटी सर्वे का हैं. इसलिए गरीब नागरिकों को तंग नहीं किये जाने की चेतावनी उन्होंने दी. यदि यह जगह पुलिस की थी तो यहां बस्ति बसने से पहले ही कब्जा मला लेना था. बस्ति में करीब 3500 लोग रह रहे है. मनपा ने भी इस बस्ति को नोटिफाईड स्लम घोषित किया है. बावजूद इसके पुलिस प्रशासन दस्तावेज मांगकर लोगों को परेशान कर रहा है. इसके बाद कभी भी नागरिकों परेशान नहीं किये जाने का आश्वासन थाने के पीआई ने दिया.