Preity's bank accounts started to be investigated, police custody extended till 20

  • फरार महिला ठग की खोज में लगी है पुलिस

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नागपुर. हाईप्रोफाइल महिला ठग प्रीति दास के खिलाफ 2 थानों में एफआईआर होने के बाद शनिवार को पूरे सिटी में वाइट कालर समाजसेवकों में हड़कम्प मच गया. विशेष रूप से ऐसे लोग जो समाजसेवा की आड़ में सरकारी दफ्तरों में धन-उगाही में लगे रहते हैं, उनके पैरों तले जमीन खिसक गई है. इधर प्रीति के खोज के लिए पुलिस ने कई जगह तलाशी ली, लेकिन उसका कोई अता-पता नहीं है. पुलिस विभाग में प्रीति के दबदबे का अलग ही आलम था और उसका चुटकी बजाकर सबसे चर्चित डायलाग यह था कि ’33 थाने के 66 पीआई मेरे जेब में हैं, मैं चाहू उसका गेम कर सकती हूं.’

4 इंस्पेक्टरों से थी काफी ‘करीब’
प्रीति के रैकेट का पुलिस आयुक्त डा.बी.के. उपाध्याय द्वारा पर्दाफाश किये जाने के बाद पुलिस विभाग में कई अफसरों को पसीना छूट गया. विशेष रूप से ऐसे अफसरों को जो प्रीति से काफी ‘नजदीकी’ रखते थे. क्राइम ब्रांच का एक पीआई, पश्चिम नागपुर के जोन-2 का एक सीनियर पीआई, दक्षिण नागपुर के जोन-4 का एक सेकंड पीआई भी शामिल है. इनके अलावा उसके व्यक्तित्व से ‘प्रभावित’ होने वाले कई छोटे-बड़े अधिकारी भी हैं. कई अधिकारियों के साथ उसकी तस्वीरे सोशल मीडिया पर देखी जा सकती है. यहां तक कि कुछ इंस्पेक्टरों का थानों में जन्मदिन मनाने के वीडियो भी उसने सोशल मीडिया पर शेयर किये हैं. शनिवार को ऐसे अफसर इसी जुगाड़ में लगे रहे कि सोशल मीडिया पर जो भी तस्वीरें हैं, वह किसी तरह हट जाए, लेकिन बहुत कुछ अब भी बरकरार है.

एक इंस्पेक्टर को पत्नी ने बचाया
दावा किया गया कि पश्चिम नागपुर के जोन-2 के एक प्रमुख थाने के इंस्पेक्टर से तो प्रीति के घर जैसे संबंध थे. कुछ लोग तो यह भी कह रहे हैं कि जब बर्डी में दर्ज 18 लाख के ठगी के मामले प्रीति जेल गई थी, उसके पहले एक इंस्पेक्टर से उसका ‘गहरा-रिश्ता’ हो गया था. इस रिश्ते की बदौलत झूठे इल्जाम लगाकर थाने तक लाना और खुद ही बीच-बचाव करके मामले को निपटाना रोजमर्रा की बातें थी. सैयद नामक एक युवक को इस कथित ‘गहरे-रिश्ते’ की जानकारी भी थी. इस इंस्पेक्टर का परिवार नागपुर शहर में नहीं रहता था. नये रिश्ते के चक्कर में घर-परिवार भुला बैठा इंस्पेक्टर की पत्नी एक दिन नागपुर आ धमकी. प्रीति के सामने ही पत्नी ने इंस्पेक्टर की खटिया खड़ी कर दी. बहुत बड़ा तमाशा हुआ. इंस्पेक्टर की हालत सैंडविच जैसी हो गई थी. उस समय प्रीति ने 18 लाख वाले ठगी मामले में उसके सह-आरोपी इरशाद को वहां बुलाकर इंस्पेक्टर के साथ मारपीट भी की थी. लोकलाज के चक्कर में कोई पुलिस में शिकायत नहीं हुई थी. लेकिन इंस्पेक्टर को इस रिश्ते से छुटकारा पाने की काफी महंगी कीमत चुकानी पड़ी. इस सौदे के चक्कर में इंस्पेक्टर को अपना एक प्लाट, कुछ लाख रुपये, सोने के आभूषण से हाथ धोना पड़ा था.

कामठी रोड के फ्लैट की चर्चा
प्रीति के कारनामों की सबसे खतरनाक चर्चा कामठी रोड पर एक फ्लैट को लेकर है. यह फ्लैट भी उसके एक पुलिसिया-मित्र का है. यह मित्र जब उत्तर नागपुर के एक थाने में पदस्थ था, तब वहां प्रीति का पूरा दिन उठना-बैठना था. थानेदार गश्त पर भी हो तो ‘मैडम’ वहां आने वाले मामलों में अपना दखल रखती थी. यहां तक थानेदार साहब जब रात 12-1 बजे ‘अपने-घर’ जाते थे, तब भी वह उनके साथ होती थी. बहरहाल इस फ्लैट में सिटी पुलिस के कई मामले सुलझाए और पुलिस-प्रशासन में दखल रखने वाले कई सामाजिक कार्यकर्ताओं को इस फ्लैट के बारे में ‘गहरी’ जानकारी है. लकड़गंज थाने में प्रीति और उसके साथियों के खिलाफ आत्महत्या के उकसाने का जो मामला दर्ज हुआ भी है उसका भी इस फ्लैट से गहरा संबंध बताया जाता है.

बचाने में जी-जान से लगा कांग्रेस नेता
एक तरफ शनिवार को प्रीति से पीड़ित-प्रताड़ित कई लोग उसकी खिलाफ शिकायत करने की तैयारी में लगे रहे. दूसरी ओर, कांग्रेस का एक ‘पाटिल’ नामक का नेता उसको बचाने में जी-जान से लगा रहा. प्रीति के कई पुलिस-मित्रों को फोन के द्वारा संपर्क कर पाटिल इस कोशिश में लगा हुआ है कि कुछ भी करके उसे जमानत मिल जाए. पाटिल के कारण ही वह सिटी के एक बड़े अधिकारी तक पहुंच गई और वहां से उसका पुलिसवालों पर रौब जमाने का काम भी शुरू हो गया था. पुलिस थानों में प्रीति के साथ यह पाटिल भी लगातार चक्कर लगाता देखा गया. यह महोदय पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में भी सक्रिय रह चुके हैं. जिससे राकां के पश्चिम नागपुर के एक पूर्व प्रमुख पदाधिकारी से भी प्रीति की काफी नजदीकी बनी हुई है. इस परिवार के साथ कई बार प्रीति राजनीतिक मंच पर भी रही. वैसे देर रात यह खबर मिली थी कि बीजेपी की एक पश्चिम नागपुर के नेता के घर प्रीति ने शरण ली है लेकिन पुलिस उस तक नहीं पहुंच पाई. प्रीति को उसके पुलिस और नेता मित्रों के कारण पांचपावली और लकड़गंज पुलिस शनिवार को देर रात तक नहीं खोज पाई.