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  • छुप-छुप कर होता रहा कारोबार

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नागपुर. लॉकडाउन के पहले दिन व्यापारियों की बेसब्री खुलेआम दिखाई दे रही थी. करीना का खौफ उनमें नहीं था और वे कारोबार के लिए तमाम तिकड़म अपनाने के लिए तैयार थे. शहर के विभिन्न क्षेत्रों में लोग शटर को 90 फीसदी गिराकर 100 फीसदी काम करते हुए देखे गए. पुलिस की गश्त रहती तो संभव था कि इन पर अंकुश लग जाता, लेकिन ऐसा नहीं हुआ जिसके कारण ये बेखौल कारोबार करते रहे. इनके कारोबार करने के कारण ही लोग भी घरों से बाहर निकलते रहे. सड़कों पर भीड़ जरूर कम थी, लेकिन लॉकडाउन जैसी स्थिति भी दिखाई नहीं दे रही थी.

पहले दिन कड़ाई से पालन किया गया होता तो इसका असर अन्य दिनों में भी देखा जा सकता था. लेकिन राहत मिलने के कारण ऐसा न हो कि बुधवार से लोग और बेपरवाह हो जाएं. इलेक्ट्रिक की दूकान हो या फिर कार वॉश की दूकान सभी को बंद रखने का आदेश था. लेकिन इलेक्ट्रिक दूकानें खुली हुईं थी और अंदर कारोबार चल रहा था.

कूलर की फिटिंग भी हो रही थी और आपूर्ति भी. इसी प्रकार शटर बंद कर कारों की मरम्मत करते हुए देखा जा सकता था. ऐसे लोगों को देखकर अन्य लोगों की भी हिम्मत बढ़ती गई और बाद में कई स्थानों पर तो खुले आम व्यंजन का लुत्फ भी उठाते हुए देखा जाने लगा. टू व्हीलर और फोर व्हीलर शोरूम में भी सामान्य रूप से काममाज होता रहा.

खुलेआम खिला रहे थे होटल कारोबारी 

होटल कारोबारियों को केवल टेक अवे और होम डिलीवरी की अनुमति दी गई है, लेकिन मुख्य बाजारों में भी ये लोग खुलेआम लोगों को नाश्ता परोसते हुए देखे गए. लोग हुजुम लगाकर चार्ट नाश्ते का मजा ले रहे थे. इतना ही नहीं कई स्थानों पर तो ठेले पर नुडल्स और पानी पुरी की बिक्री भी करते हुए देखा गया. ऐसे लोगों को भी पार्सल देने को कहा गया है, लेकिन इन ठेलों में अच्छी खासी भीड़ देखी जा रही थी. लस्सी, गन्ने का रस, फालुदा बेचने वाले भी पीछे नहीं रहे. बहती गंगा में वे भी कारोबार कर रहे थे. मुख्य मार्गों पर ये ग्राहकों को जूस और गन्ने का रस पीला रहे थे. पुलिस गाड़ी आ रही थी और जा रही थी, लेकिन इन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही थी. 

पान ठेला भी शुरू

पान ठेले वाले भी पीछे नहीं रहे. अपने भरोसेमंद ग्राहकों को ये शटर के नीचे से माल की आपूर्ति करते रहे. लोगों को हर प्रकार की मनपसंद चीजें मिल रही थी. अन्य लॉकडालन की तरह कठोर कदम नहीं उठाये जाने के कारण सब कुछ मिलना काफी आसान था. 

अंदर के भागों में कंट्रोल नहीं 

अंदर के भागों में प्रशासन का कोई कंट्रोल देखने को नहीं मिला. लोग खुलेआम शटर खोलकर कारोबार करते हुए देखे गए. इसके लिए लोगों ने अच्छा तरीका निकाल लिया है. दूकानों के सामने सब्जी भाजी वाले को बैठा देते हैं और उसके एवज में ये लोग अन्य धंधा कर रहे हैं. पुलिसवाले भी इन्हें कुछ नहीं कह रहे हैं.