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  • कोर्ट की फटकार के बाद मनपा और महावितरण गंभीर नहीं

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नागपुर. सिटी के विस्तार के साथ ही सड़कों का भी चौड़ाईकरण हुआ लेकिन अब भी कई जगह सड़कों पर लगे बिजली के खंभे नहीं हटाये गये. इन बिजली के खंभों की वजह से अब तक अनेक लोग अपने हाथ-पैर तुड़वा चुके हैं. वहीं कई लोगों की जान भी जा चुकी है. इसके बावजूद प्रशासन द्वारा गंभीरता नहीं बरती जा रही है. पिछले 6 वर्षों से अधिक समय बीत जाने के बाद भी स्थिति जस की तस है. मनपा और महावितरण के बीच समन्वय के अभाव की सजा जनता को भुगतना पड़ रहा है. न्यायालय ने इस मामले पर नाराजगी व्यक्त की लेकिन प्रशासन ने कार्यवाही की दिशा में ठोस कदम नहीं उठाया. 

 सिटी के अनेक हिस्सों में अब भी सड़क के किनारे और कहीं बीच में बिजली के खंभे खड़े हैं. इससे न केवल आवागमन में दिक्कतें हो रही है, बल्कि दुर्घटनाएं भी हो रही है. बारिश के दिनों में तो स्थिति और भी भयंकर हो जाती है. इस संबंध में 2010 में न्यायालय में याचिका दाखिल किये जाने के बाद मनपा ने सिटी के विविध भागों में 1,180 जगहों पर सड़कों पर बिजली के पोल होने संबंधी शपथपत्र दिया था. न्यायालय ने मनपा और महावितरण को निर्देश दिये थे कि जल्द से जल्द बिजली के हटाये जाये. पोल हटाने के लिए मनपा और महावितरण को 50-50 फीसदी खर्च करना था. लेकिन बाद मनपा ने अकेले ही बिजली के पोल हटाने की तैयारी दिखाई. इस बीच कुछ पोल हटाए भी गये, लेकिन अब भी सभी पोल नहीं हट पाये है.

अब टालमटोल की स्थिति 

सिटी के जाफरनगर, काटोल रोड, मानेवाड़ा रोड, सुभेदार लेआऊट, नारा, नारी, हुडकेश्वर, नरसाला सहित अन्य हिस्सों में अब भी सड़क के बीच और किनारे बिजली के पोल यमदूत की तरह खड़े हैं. कोर्ट की फटकार के बाद मनपा और महावितरण ने हटाने संबंधी प्रस्ताव तैयार किया. शुरुआत में इस कार्य के लिए 96 करोड़ के खर्च का अनुमान था. लेकिन मनपा द्वारा जिम्मेदारी लिये जाने के बाद महावितरण ने केवल इलेक्ट्रिफिकेशन करने की तैयार दिखाई. लेकिन हकीकत में एक्शन नहीं हुआ. बाद में इसी अनुमानित खर्च में और 45 करोड़ की बढ़ोतरी हो गई. अब यह खर्च करीब 140 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. खर्च बढ़ने की वजह से ही अब मनपा टालमटोल कर रही है.

स्थिति में सुधार नहीं 

राज्य में भाजपा की सरकार सत्ता में आने के बाद ऊर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले थे. पांच वर्ष की सत्ता के बाद भी कार्यवाही को गति नहीं मिली. अब ऊर्जा मंत्री नितिन राऊत है. उनके कार्यकाल को एक वर्ष से ज्यादा समय हो गया है. इस तरह 6 वर्ष से अधिक समय बीत गया है. इसके बावजूद सभी जगह से बिजली के पोल नहीं हटाये जा सके हैं. इन खंभों से टकराकर अब तक कई लोग जख्मी हो गये हैं. वहीं कईयों की जान भी चली गई है लेकिन लगता है कि प्रशासन को इसकी कोई परवाह नहीं है. सिटी में सड़कों का चौड़ाईकरण हो रहा है. सीमेंट सड़कें बन रही है लेकिन खंबों को हटाने के लिए प्रतीक्षा करना पड़ रहा है.