Heavy vehicles
भारी वाहन (फाइल फोटो)

  • हाईवे बना ट्रकों का पार्किंग जोन
  • खड़े ट्रक बने 'काल'

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नागपुर. ट्रकों की पार्किंग के लिए ट्रांसपोर्ट प्लाजा नहीं बनने के कारण इन दिनों अमरावती रोड, वाड़ी, भंडारा रोड, पारडी, कामठी के साथ अन्य हाईवे ट्रकों के लिए पार्किंग जोन बन गये हैं. सड़कों के किनारे लगने वाली लंबी कतारें किसी काल से कम नहीं है. हाईवे पर ट्रकों की स्थायी और अव्यवस्थित पार्किंग बनने के कारण सड़क हादसे बढ़ते जा रहे हैं. इसके बावजूद प्रशासन ट्रांसपोर्ट प्लाजा बनाने की ओर कदम नहीं उठा रहा है.

हाईवे के साथ शहर का मानेवाड़ा चौक के पास रिंग रोड भी मिनी ट्रकों का पार्किंग जोन बन गया है. पहले इन मिनी ट्रकों की पार्किंग मानेवाड़ा चौक के पास ही लगती थी, जहां अब सामान ढोने वाले छोटे वाहन चालकों ने पार्किंग करना शुरू कर दिया है. वहीं दिघोरी के पुल को पार करते ही रिंग रोड के किनारे बहुत से ट्रकों की कतारें लगी रहती हैं. इन खड़े ट्रकों के कारण दुर्घटना का खतरा बना रहता है. बहुत बार स्ट्रीट लाइट नहीं जलने की वजह से अंधेरे में खड़े इन ट्रकों की वजह से दुर्घटनाएं भी हो चुकी हैं.

200 से 250 ट्रकों का जमघट

वाड़ी पुलिस थाने के पास से ही खड़े ट्रकों की लाइन देखी जा सकती है. यहां रोड संकरा होने के कारण छोटे वाहन चालकों को बहुत अधिक दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इन ट्रकों का कुछ हिस्सा सड़क पर रहने से यातायात में काफी अधिक तकलीफें आती हैं. यहां पर मार्ग के दोनों ओर करीब 200 से 250 ट्रकों का जमघट लगा रहता है. इसी तरह का हाल भंडारा रोड पर भी देखा जा सकता है. सड़कों पर खड़े होने के बाद भी ट्राफिक पुलिस या प्रशासन द्वारा इन पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की जाती. मानेवाड़ा रिंग रोड पर 8 से 10 ट्रकों की पार्किंग की जाती है, जिस पर भी प्रशासन का आज तक ध्यान नहीं गया. वहीं मानेवाड़ा चौक के मंदिर के पास होने वाली छोटे वाहनों की पार्किंग से बहुत बार जाम लगता है. यह सब यातायात पुलिस की नाक के नीचे होने के बाद भी इस पर किसी तरह की कोई दखलअंदाजी नहीं की जाती. 

आटोमोटिव चौक, पारडी और वाड़ी हाउसों के प्वाइंट

सबसे अधिक परेशानी का सामना दिघोरी पुलिया को पार करने के बाद सड़कों पर खड़े होने वाले ट्रकों से करना पड़ता है. रात के समय यहां की लाइट बंद होने से डम्पर, बिल्डिंग मटेरियल भरे ट्रक और ट्रेलर से काफी खतरा पैदा हो जाता है. नागरिकों के अनुसार यातायात में बाधा बनने वाले इन ट्रक संचालकों पर प्रशासन को लगाम लगानी चाहिए. वहीं ट्रकों की अवैध पार्किंग के चलते आटोमोटिव चौक, पारडी, वाड़ी और भंडारा रोड तो अब हादसों के प्वाइंट बन चुके हैं. हाईवे पर नो-पार्किंग होने के बावजूद इन स्थानों पर धड़ल्ले से ट्रकों की पार्किंग की जाती है.