4 सालों में 266 बच्चे हुए HIV मुक्त

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नाशिक. पिछले चार सालों में एचआईवी (HIV) पीड़ित 271 गर्भवती माताओं पर जिला सरकारी अस्पताल में प्रभावी उपचार होने से 266 एचआईवी पीड़ित माता ने जन्म दिए बच्चे एचआईवी मुक्त हुए. केवल 5 माताओं द्वारा जन्म दिए बच्चों में एचआईवी संक्रमण होने की बात सामने आई.

बता दें कि एचआईवी पीड़ित मरीजों को समाज में सम्मानपूर्व बर्ताव नहीं मिल रहा था. ऐसे मरीजों की ओर समाज संदेह की नजर से देखता था. डरा और संकोच से इन मरीजों का मनोबल कम हो रहा था. इस पार्श्वभूमि पर एचआईवी संक्रमण रोकने और ऐसे मरीजों की ओर देखने का नजरिया बदलने के उद्देश्य से 1988 से हर साल 1 दिसंबर को वैश्विक एड्स दिवस मनाया जाता है.

जिला सरकारी अस्पताल में इस बीमारी को प्रतिबंध और नियंत्रण के लिए जिला एड्स प्रतिबंध तथा नियंत्रण पथक (डाकू) कार्यरत किया गया. जिला सरकारी अस्पताल के माध्यम से पिछले चार सालों से जिले में 271 एचआईवी पीड़ित गर्भवती पर एआरटी उपचार पद्धति द्वारा वैद्यकीय उपचार किए गए. एआरटी उपचार लिए 271 गर्भवतियों में से 266 गर्भवती महिला द्वारा जन्म दिए गए बच्चे एचआईवी मुक्त हुए, तो 5 गर्भवती महिलाओं द्वारा जन्म दिए गए बच्चों को एचआईवी संक्रमण होने की बात सामने आई.

पूरे जिले में फैला सुविधाओं का जाल

एचआईवी पॉजिटिव गर्भवती माताओं को जिला सरकारी अस्पताल और मालेगांव सामान्य अस्पताल द्वारा नि:शुल्क उपचार उपलब्ध है. कलवण, सटाणा, चांदवड़, येवला, निफाड़ और मनमाड़ में लिंक एआरटी सेंटर्स है. जिले में महाराष्ट्र राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी की 32 एकात्मिक सलाह और टेस्ट केंद्र हैं. इसके अलावा जिले में 214 स्क्रीनिंग टेस्ट सेंटर्स हैं. यहां पर जिला सरकारी अस्पताल का प्रशिक्षित स्टाफ कार्यरत है. इसमें सभी ग्रामीण उप जिला, ग्रामीण अस्पताल, प्राथमिक आरोग्य केंद्र, मनपा सिमा क्षेत्र के शहरी आरोग्य केंद्रे शामिल है. 6 सेवाभावी संस्था भी इस कार्य में कार्यरत है.

4 सालों की स्थिति

वर्ष                    पीड़ित               माताओं की संख्या           पीड़ित बच्चों की संख्या

2017                18                    86                                02

2018                19                    67                                01

2019                20                    50                                01

2020                21                    68                                01

कुल                  271                                                      05

एचआईवी का संक्रमण रोकने और इस बिमारी से नागरिकों को बचाने के लिए समय पर वैद्यकीय जांच होना आवश्यक है. विशेष रूप से गर्भवती माताओं पर ध्यान देना जरूरी है. युवाओं ने भी एचआईवी-एड्स बीमारी को लेकर शास्त्रीय जानकारी लेकर नागरिकों का प्रबोधन करना चाहिए. इस बीमारी को लेकर कोई संकोच न रखें.

-योगेश परदेशी, कार्यक्रम अधिकारी, जिला एड्स प्रतिबंध और नियंत्रण पथक, नाशिक