लासलगांव. हमेशा संकटों का सामना करने वाले प्याज उत्पादक किसानों (Farmers) के लिए निफाड तहसील (Niphad Tehsil) के चितेगांव स्थित राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान व विकास प्रतिष्ठान की ओर से प्याज की निरोगी फसल के लिए नया संशोधन किया गया है। प्याज की फसल के आसपास मकई (Corn) और गेंहू (Wheat) के फसल की बुआई करने से प्याज की फसल को फायदा होने की बात कही जा रही है। किसानों को यह प्रयोग करने का आवाहान विज्ञान विभाग के विशेषज्ञ मनोज पांडे ने किया है।
प्याज के दामों में उतार-चढ़ाव आने के बाद उसकी दिल्ली तक चर्चा होती है। वर्तमान में देश की कुल प्याज उत्पादन में 40 प्रतिशत हिस्सा नाशिक जिले का है, इसलिए यह फसल निरोगी और अच्छी हो, इसके लिए केंद्र सरकार कि ओर से निफाड तहसील के चितेगांव के राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान व विकास प्रतिष्ठान (NHRDF) संस्था की ओर से प्याज की फसल पर अलग-अलग प्रयोग करते हुए प्याज के फसल की नई जाति विकसित की गई है।
साथ ही प्याज पर होने वाले संक्रमण बीमारियों का प्रादुर्भाव और गिरने वाले स्तर को कम करने के लिए प्याज की फसल के आसपास मकई और गेंहू की दो से तीन लाइन बुआई करने पर प्याज की फसल पर संक्रमण का असर कम होता है और प्याज की फसल अच्छी होने का निष्कर्ष विज्ञान विभाग के विशेषज्ञ मनोज पांडे ने निकाला है।