लासलगांव में किसानों का प्रदर्शन

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  • निर्यात पर प्रतिबंध का किया विरोध
  • प्याज की कीमतों में आई गिरावट

लासलगांव. जैसे ही यहां कृषि उपज मंडी समिति में प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा, कीमत में गिरावट आ गई. इसलिए, किसानों ने अपनी नाराजगी व्यक्त की है. पूर्व पंचायत समिति सभापति शिवा सुरासे के साथ किसानों ने आधे घंटे के लिए सड़क को जाम कर दिया. जैसे ही प्याज की नीलामी शुरू हुई, प्याज के औसत मूल्य में 1000 रुपये की गिरावट देखी गई और गुस्साए किसानों ने केंद्र सरकार के विरोध में नीलामी बंद कर दी. सुबह 6 वाहनों की नीलामी की गई. प्याज का उच्चतम मूल्य 2200 रुपये प्रति क्विंटल था और औसत कीमत 1900 रुपये थी.

प्याज, जो 3 महीने से 600 से 700 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बिक रही थी, एक हफ्ते के लिए औसतन 2000 रुपये हो गई थी. रविवार रात से निर्यात के लिए मुंबई पोर्ट ट्रस्ट और बांग्लादेश सीमा पर पहुंचने वाले कंटेनर सोमवार को शुरू नहीं किए गए. पिछले साल 29 सितंबर, 2019 को निर्यात प्रतिबंध लगाए जाने के बाद इस साल फरवरी में इसे हटा लिया गया था. 8 महीनों में फिर से निर्यात पर प्रतिबंध से किसानों में नाराजगी फैल गई है. केंद्र सरकार की भूमिका के विरोध में किसानों ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में सड़कों पर प्रदर्शन किया.

प्याज के निर्यात पर केंद्र सरकार के प्रतिबंध के विरोध में प्याज उत्पादक किसान लासलगांव में सड़कों पर उतर गए. पंचायत समिति सदस्य शिवा सुरासे सहित किसानों ने आधे घंटे के लिए प्याज यार्ड के सामने सड़क पर जाम लगा दिया. मंगलवार के बाजार मूल्य पर 1000 रुपये के अंतर को देखकर नाराज किसानों ने नीलामी बंद कर दी. इस आंदोलन में शिवा सुरासे ने कहा कि जब प्याज की कीमतें गिरती हैं, तो केंद्र सरकार ध्यान नहीं देती. पिछले कुछ दिनों से निर्यात के कारण कीमतें बढ़ गई थीं. सुरासे ने आरोप लगाया कि यह निर्णय प्याज उत्पादकों के साथ अन्याय है.