सराफा बाजार पर ‘अधिक मास’ की कृपा

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  • दुकानों में जुट रही ग्राहकों की भीड़

नाशिक. पितृपक्ष में ठप्प हुए सराफा बाजार में अधिक मास शुरू होने के बाद तेजी देखने को मिली. अधिक मास में दामाद को भेंट के रूप में सोने अथवा चांदी की वस्तु देने की परंपरा है, जिसकी खरीदारी के लिए बाजार में ग्राहकों की भीड़ देखने को मिल रही है. तीन वर्ष में एक बार आने वाले अधिक मास को धार्मिक दृष्टि से भी अधिक महत्व है. इस महीने में बेटी और दामाद को वाण अर्थात उपहार देने की प्रथा है.

विवाहिताएं इस महीने में अपने बेले को अधिक मजबूत बनाती हैं. इसलिए चांदी की बिक्री में वृद्धि होती है. इसके अलावा दामाद को भेंट स्वरूप चांदी की थाली, कटोरा, ग्लास सहित सोने की चेन, अंगूठी दी जाती है. गरीब-अमीर सभी अपनी हैसियत के अनुसार इस परंपरा का निर्वहन करते हैं. इसलिए सराफा दुकानों में भीड़ हो रही है. चांदी के बेलों में कुंदनकाम, ऑक्साइड पॉलिश, गंगा जमुना, मीनाकाम किए हुए विविध रंगों के आभूषण बाजार में उपलब्ध हैं. दामाद को भेंट देने के लिए शुद्ध चांदी में तैयार किए हुए विविध घाटों की भेंट वस्तु व विविध प्रकार के दीपक उपलब्ध हैं. इसमें 1 ग्राम से लेकर 500 ग्राम वजन तक के आभूषण हैं.

गिरते दामों का फायदा

विगत महीने सोना प्रति तोला 56 हजार व चांदी 71 हजार रुपए तक पहुंच गई थी, लेकिन इस महीने में सोने-चांदी के दामों में बड़े पैमाने पर गिरावट आई है. सोना 50 हजार व चांदी 60 हजार तक पहुंची. इससे ग्राहकों में उत्साह देखा गया.

सावधानी बरत रहे हैं सभी

अधिक मास में भेंट वस्तु खरीदी के लिए ग्राहकों का अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है. कोरोना की पार्श्वभूमि पर सराफा कारोबारी सुरक्षित अंतर सहित मास्क का उपयोग, सैनिटाइजर, स्क्रीनिंग करने संबंधित सावधानी बरत रहे हैं.

-चेतन राजापुरकर, अध्यक्ष, नाशिक सराफा एसोसिएशन