• पोस्टमॉर्टम के बाद मिला सुसाइड नोट

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नाशिक. अजगर अली मुमताज मंसूरी (32 वर्ष) ने 7 अक्टूबर को नाशिक रोड सेंट्रल जेल में मास्क की रस्सी के सहारे फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. निरक्षर रहते हुए उसने आत्महत्या करने से पहले जेल के कर्मचारियों पर आरोप लगाते हुए एक पत्र लिखा था. शव परीक्षण के दौरान प्लास्टिक बैग में एक पत्र मिला. पुलिस आयुक्त दीपक पांडेय ने कहा कि सभी पक्षों की जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.

चचेरे भाई की हत्या के आरोप हुआ था आजीवन कारावास

मंसूरी को उसके चचेरे भाई की हत्या के सिलसिले में 2006 में मुंबई की आग्रीपाड़ा पुलिस ने गिरफ्तार किया था. वह 2010 में मुंबई जेल से नाशिकरोड जेल में आया था. अदालत ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. उसकी सजा खत्म होने को कुछ ही दिन रह गए थे कि उसने आत्महत्या कर ली. नाशिकरोड पुलिस स्टेशन में आकस्मिक मृत्यु का मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने कहा कि शव यात्रा के दौरान उसके शरीर पर एक प्लास्टिक की थैली में एक नोट पाया गया था. पत्र में कुछ जेल कर्मचारियों के नाम हैं. उन्होंने वार्डन के रूप में फिर से नियुक्ति की मांग की. मंसूरी के रिश्तेदारों को पुलिस थाने के सामने पेश किया गया.

कोई दोषी मिला तो कार्रवाई

यह आकस्मिक मृत्यु का प्रकार है. ऐसे में जांच में देरी हो सकती है. फिर भी, अगर कोई दोषी पाया जाता है, तो हम निश्चित रूप से कार्रवाई करेंगे. हालांकि, जांच में जल्दबाजी नहीं की जाएगी. सभी पहलुओं पर विचार किया जाएगा और जांच की जाएगी. 

-दीपक पांडेय, पुलिस आयुक्त

उससे बात नहीं करते थे अधिकारी

मंसूरी ने 2014,  2016 और 2018 में अधिकारियों और कर्मचारियों पर हमला किया था. उसे इसके लिए अदालत ने सजा भी सुनाई थी. मंसूरी के स्वभाव के कारण, जेल के अधिकारी उससे बात करने में संकोच करते थे.

– प्रमोद वाघ, जेल अधीक्षक