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60 मिमी बरसात ने तहसील को भिगोया

साक्री. निसर्ग चक्रवात के आगमन से तहसील में भारी नुकसान की आशंकाएं व्यक्त की गई थीं. जिससे निपटने हेतु जिले से लेकर तहसील तक प्रशासन हाई अलर्ट पर था. लेकिन तूफान टांय टांय फिस्स हो गया. लेकिन रात भर की बारिश के कारण तहसील से लेकर जिले तक को भिगोकर सरोबार कर दिया. तहसील क्षेत्र में औसत 60 मिमी बारिश दर्ज हुई है. 2 पशु के मारे जाने की और 2 कच्चे (मिट्टी) घर ढहने की सूचना तहसील प्रशासन को प्राप्त हुई है, वहीं जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ.तबाही टल गई.ऐसी जानकारी नायब तहसीलदार अंगद आसटकर ने दी.

तूफान से निपटने अलर्ट रहे अधिकारी

 जिलाधिकारी संजय यादव ने पटवारी और ग्रामसेवकों को मुख्यालय पर रहने के निर्देश दिए क्योंकि, गुरुवार को मध्यरात्रि को नाशिक होते हुए  तहसील क्षेत्र में चक्रवात दाखिल होने की आशंका थी. जो बाद में मध्यप्रदेश की दिशा में बढ़ रहा था. चूंकि  चक्रवात का ये पहला ही अनुभव होने के कारण  प्रशासन के साथ आपदा प्रबंधन दल इस आपदा को झेलने के इंतजाम में लगा रहा. चक्रवात की गति मंद हुई व दिशा बदलने से जिले का संकट टला.परिणामस्वरूप आई बारिश ने जनजीवन प्रभावित कर दिया. दिनभर रुकरुक कर घनघोर बारिश होती रही. जिसने क्षेत्र को धो डाला.

फसलों को भारी नुकसान

साक्री 72 (मिमी), कासारे 63, निजामपुर 35, दुसाने 60, म्हसदी  42, पिंपलनेर 47, ब्राह्मन्वेल 69, कुडाशी 95, उमरपाटा 62, दहिवेल 67 और तहसील के औसत 61.2 मिमी रहा. बारिश से प्रभावित इलाकों में हाल ही में फसल की कटाई हुई है, जिसके चलते किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ा है. जल्द ही पंचनामा शुरू करने की मांग स्थानीय किसानों ने की है. तहसील क्षेत्र में बारिश चल रही थी औऱ तूफान के डर से कई गांवों के लोगों को स्थानीय ग्रामीण व निकायों ने  सुरक्षित स्थानोंपर बहाल किया. हालांकि, शाम होते होते तूफान की गति धीमी होने की खबरें आईं. देर शाम में प्रशासन ने  चक्रवात दिशा बदलकर आगे बढ़ने की सूचना जारी  करने के उपरांत सभी ने राहत की सांस ली.