कोरोना वारियर्स पर बेरोजगारी की मार, श्रमिकों ने चुना अनिश्चितकालीन अनशन  का रास्ता

    Loading

    धूलिया. हिरे मेडिकल के कोरोना वार्ड (Corona Ward) में कर्मचारियों (Employees) की छंटनी (Retrenchment) होने से कामगारों पर बेरोजगारी और भुखमरी की मार पड़ी है। इस तरह की सरकारी नीति से आहत महिला और पुरुष श्रमिकों ने आखिरकार भूख हड़ताल शुरू कर दी है और अस्पताल सेवा में समायोजित करने की मांग की है।

    कोरोना वायरस महामारी के दौरान 07 मार्च 2020 से 1 अगस्त 2021 तक हीरे मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के कोविड-19 वार्ड में 250/- रुपये प्रतिदिन के हिसाब से लगभग 70 श्रमिक कार्यरत थे। लेकिन धूलिया में कोरोना के मरीजों की कमी के कारण कोविड वार्ड बंद कर दिए गए है। नतीजतन, रोजदारी कर्मचारियों को कम कर दिया गया। काम बंद होने के कारण कर्मचारियों ने क्युमाईन क्लब के सामने सोमवार से अनिश्चितकालीन अनशन शुरू कर दिया है। इस संबंध में जिला परिषद को दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि कोरोना वार्ड में काम करते हुए जिन कोविड मरीजों  के पास उनके करीबी भाई, बहन, माता, पिता जाने से डरते थे, तो हम अपनी जान की परवाह किए बिना कोविड मरीजों के वार्ड में काम करके उनकी सेवा कर रहे थे, साथ ही रोगी के मूत्र बैग को बदल कर, उन पर डायपर डालकर, उनकी सफाई भी कर रहे थे। 

    लावारिस मरीज, मृत मरीजों की लाशों को बैग में बंद करने का काम भी हम ने किया, इसके बावजूद सरकार ने हमें 01 अगस्त से काम से निकाल दिया है और हमारे परिवार पर अकाल का समय आ गया है। फिलहाल कोविड-19 वायरस का खतरा कम नहीं हुआ है और तीसरी लहर की आशंका विशेषज्ञों द्वारा जताई जा रही है।  ऐसी स्थिति में भा. वि. शा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल धुलिया में श्रेणी -4 के काम के लिए कुल 150 कर्मचारियों की आवश्यकता है, एैसे में श्रमिकों को बर्खास्त करना अनुचित है।  एक तरफ तो सभी कर्मचारियों ने मांग की है कि सरकार को इन कर्मचारियों को तुरंत भर्ती कर फिर से नियुक्त करना चाहिए क्योंकि ऐसे योद्धाओं की आवश्यकता समाप्त होने के बाद उन्हें बर्खास्त करना अन्यायपूर्ण है। 

    इस आंदोलन में विठल सुभाष पाटील, सुशील पितांबर पवार, निलेश रघुनाथ पाटील, उमेश ज्ञानेश्वर मोरे, पवन गोयर, हेमंत सोनवणे, समाधान भिमराव बागुल, राजु चांगरे, रूषीकेश युवराज वाघ, सोमनाथ देविदास कोली, सोनु सुरेश खलाणे, मसुद शरिफ खाटीक, गोकुल आनंदा शिंदे, राकेश वाघ, कुलभुषण राजरत्न अहिरे, मनोहर अनिस मेहकर, सुशिल संजय लोखंडे, अनिकेत आंनदा कोली, दत्तात्रय झांजरे, उमेश मोहिते, मनिषा खामगल, मिनाक्षी गायकवाड़, रेखा जगदाडे, सागर जाधव, निलेश कोली, सागर मराठे आदी अनशन पर बैठे हुए है।