Omar Abdulah

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श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जुलाई में शोपियां मुठभेड़ स्थल से हथियार और कारतूस बरामद होने को लेकर दिए गए आधिकारिक बयान पर सवाल उठाया है । डीएनए जांच के नतीजे शुक्रवार को सामने आने के बाद साबित हो गया कि मारे गए तीनों मजदूर राजौरी जिले के रहने वाले थे।

उमर ने ट्वीट किया, “आधिकारिक बयानों के मुताबिक मुठभेड़ स्थल से हथियार और कारतूस समेत भड़काऊ सामग्री मिली थी। वहां पर किसने भड़काऊ सामग्री रखी थी।” वह कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार के बयान पर प्रतिक्रिया जता रहे थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि तीनों लोगों के डीएनए नमूनों का उनके परिजनों के नमूनों से मिलान हो गया है।

सेना ने इन तीनों लोगों को आतंकी बताया था। नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर ने कहा, “तीनों युवकों के शवों को उत्तरी कश्मीर में कहीं दफना दिया गया। यह जरूरी है कि शवों को निकाल कर तुरंत उनके परिवारों को सौंपा जाए ताकि वे राजौरी जिले में अपने घरों के पास उनका अंतिम संस्कार कर सकें।”

सेना ने 18 जुलाई को दावा किया था कि दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के अम्शीपुरा गांव में तीन आतंकी मारे गए। तीनों लोगों के राजौरी के बाशिंदा होने और अम्शीपुरा में लापता होने के बारे में सोशल मीडिया पर रिपोर्ट सामने आने के बाद जांच शुरू की गयी थी। तीनों लोगों के परिवारों ने दावा किया था कि वे शोपियां में मजदूरी करते थे और उन्होंने इस संबंध में पुलिस के समक्ष शिकायत दर्ज करायी थी। पुलिस ने जांच शुरू की और मारे गए युवकों के डीएनए के मिलान के लिए उनके परिवारों से नमूने लिए ।

कुमार ने शुक्रवार को यहां संवाददाताओं से कहा, “डीएनए रिपोर्ट आ चुकी है और मिलान हो गया है।” पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन ने कहा कि हालिया घटनाक्रम से उन्हें कुछ भी बदलाव की उम्मीद नहीं है क्योंकि पहले भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं । लोन ने ट्वीट किया, “क्या कुछ बदलेगा? मानव जीवन की गरिमा बहाल होगी? नहीं। कुछ नहीं बदलने वाला। मीडिया ने इस मुठभेड़ का पर्दाफाश किया जिसके बाद जांच शुरू की गयी। आज के डिजिटल युग में कुछ भी छिपाना मुमकिन नहीं हैं। मेरी संवेदनाएं तीनों युवकों के प्रति हैं।”

उन्होंने लिखा है, “क्या यह पहली बार हुआ, कोई उम्मीद कर सकता है कि आगे यह नहीं होगा। यह पहली बार नहीं है और ना ही आखिरी बार है।” (एजेंसी)