Sunil Arora in Kolkata
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कोलकाता. पश्चिम बंगाल (West Bengal) में आगामी चुनाव (Assembly Election) में हिंसा एवं अशांति की राजनीतिक दलों (Political Parties) द्वारा आशंका जताये जाने के बीच मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) सुनील अरोड़ा (Sunil Arora) ने शुक्रवार को कहा कि चुनाव आयोग धनबल एवं बाहुबल के साथ ही सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करता है।

सीईसी ने यह भी कहा कि चुनाव में किसी भी नागरिक पुलिस स्वयंसेवक की तैनाती नहीं की जाएगी। सीईसी ने यहां संवाददाताओं से कहा, “आयोग धनबल और बाहुबल और सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करता।”

चुनाव आयोग (Election Commission) की पूर्ण पीठ वर्तमान समय में विधानसभा चुनाव (Assembly Election) की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए राज्य में है जो अप्रैल-मई में होने की संभावना है। आयोग ने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों, वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों के साथ बैठकें कीं।

 

उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के व्यय पर्यवेक्षक धनबल के दुरुपयोग को रोकने के लिए कदम उठाएंगे। विपक्षी दलों ने पश्चिम बंगाल में चुनाव से पहले राजनीतिक हिंसा होने का दावा करते हुए चुनाव आयोग की पूर्ण पीठ से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि राज्य में चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष हों।

अरोड़ा ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के खिलाफ एक राजनीतिक दल द्वारा लगाए गए आरोपों को “दुर्भाग्यपूर्ण” बताते हुए कहा कि यह देश के सबसे बेहतरीन बलों में से एक है। उन्होंने कहा कि संबंधित राजनीतिक दल को अपने आरोपों का समर्थन करने के लिए तथ्यों के साथ आना चाहिए।

 

सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि बीएसएफ राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में लोगों को एक विशेष राजनीतिक दल के पक्ष में वोट डालने के लिए धमका रहा है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग की पूर्ण पीठ ने राज्य के मुख्य सचिव और गृह सचिव को राजनीतिक दलों द्वारा सोशल मीडिया में फर्जी सूचना फैलाने के मुद्दों पर ध्यान देने के लिए कहा। सीईसी ने कहा कि राज्य के मुख्य सचिव और गृह सचिव ने कहा कि वे चुनाव आयोग के निर्देशों का अक्षरश: पालन कर रहे हैं। (एजेंसी)